टिहरी के इन दो गांव पर भी जोशीमठ जैसी विपदा, कहीं देर से न हो जाए अनहोनी!

0

टिहरी। टिहरी बांध प्रभावितों की पुनर्वास की समस्या का झील बनने के 12 साल बाद भी समाधान नहीं हो पाया है। प्रभावित परिवार भू-धंसाव के जद में आए घरों में रहने को मजबूर हैं। टिहरी बांध की झील में अधिक जलभराव के कारण 2010-11 में हुए भू-धंसाव के कारण आसपास के 17 गांव के सैकड़ों परिवारों के घर और भूमि पर बड़ी-बड़ी दरारें आ गई थी। इन्हीं में से प्रभावित गांवों में पिपोला खास और नारगढ़ गांव हैं। दोनों गांव के भ्रमण पर पहुंचे प्रतापनगर विधायक विक्रम सिंह नेगी ने झील के कारण हो रहे भू- धंसाव की स्थिति को देखा। उन्होंने डीएम / पुनर्वास निदेशक को फोन पर मामले की वस्तुस्थिति बताते हुए जरूरी सुझाव दिए।

तुरंत किया जाए विस्थापन
प्रतापनगर विधायक विक्रम नेगी ने पिपोला और नारगढ़ गांवों का भ्रमण कर टिहरी बांध की झील से उत्पन्न हो रही खतरे की जानकारी ली। ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि लंबे समय से गांव के घरों, खेत खलिहानों में झील से लंबी-लंबी दरारें पड़ी हुई हैं। उनका विस्थापन किया जाए। जिस पर विधायक ने कहा कि समय रहते सरकार और टीएचडीसी को प्रभावित गांवों का विस्थापित करना चाहिए।

कहीं देर न हो जाए
उन्होंने कहा कि जोशीमठ की घटना के बाद से बांध प्रभावित क्षेत्र के लोग दहशत में है। उन्होंने डीएम को फोन से प्रभावित गांवों में संयुक्त विशेषज्ञ समिति का दौरा करवाने की बात कही। कहा कि ऐसा न हो कि जोशीमठ के भांति यहां भी देर हो जाए और लोगों को आनन-फानन में अपना घर छोड़ना पड़े। सरकार को दोनों गांवों का विस्थापन करना चाहिए।

घरों में दरारों से लोग खौफजदा
जोशीमठ जैसे हालात टिहरी झील के आसपास बसे गांवों में भी देखने को मिल रहे हैं। लोगों की घरों में दरारें आ चुकी हैं, जिससे लोग खौफजदा हैं। स्थानीय लोगों का कहना हैकि वो कई बार शासन-प्रशासन के अधिकारियों को समस्या से अवगत करा चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार उनकी शिकायत नहीं सुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन के अधिकारी किसी बड़ी होने का इंतजार कर रहे हैं, जबकि लोगों की रातों की नींद गायब हो गई है।

दूसरों के घरों में शरण लेने को मजबूर
टिहरी झील के कारण झील के समीप के पिपोला खास गांव और आसपास बसे मकानों में बड़ी बड़ी दरार पड़ गई हैं। इन घरों में रहने वाले लोगों ने दूसरों के घरों में शरण ली है। टिहरी झील के कारण मकानों में दरार पड़ने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

टिहरी डैम से 2 किलो दूर बसा है गांव
बता दें कि पिपोला खास गांव टिहरी बांध की झील के निकट बसा हुआ है। टिहरी डैम की मुख्य दीवार से 2 किलोमीटर की दूरी पर ये गांव है। टिहरी झील के कारण गांव के मकानों में दरार पड़ने के साथ-साथ भूधंसाव हो रहा है, जिससे ग्रामीण खौफ के साए मेंजी रहे हैं।

 

Previous articleजोशीमठ भू-धंसाव प्रभावित बच्चों को CBSE की बड़ी राहत, अब विस्थापित जगह पर ही दे सकेंगे एग्जाम
Next articleखर्चीली शादियों पर लगेगी लगाम, शराब और चाऊमीन होगी बैन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here