चीन के इशारे पर भारत को आंख दिखाने वाले नेपाल की सियासत में अचानक हलचल तेज हो गई है। पार्टी के अंदर से ही ‘प्रचंड’ तूफान का सामना कर रहे नेपाल पीएम ने अचानक राष्ट्रपति से मुलाकात की। ओली आज देश को भी संबोधित करने वाले हैं। कयास लगाये जा रहे हैं वह शाम को पद से इस्तीफा दे सकते हैं। उधर प्रचंड के निवास पर भी बैठकों का दौर जारी है। माना जा रहा है कि ओली को भारत विरोधी गतिविधियों की कीमत चुकानी पड़ सकती है।
नई दिल्ली/ पिथौरागढ़ः सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में मचे घमासान के बीच नेपाल की सियासत में अचानक हलचल बढ़ गई है। पार्टी के अंदर से ही ‘प्रचंड’ तूफान का सामना कर रहे ओली ने दोपहर में अचानक राष्ट्रपति से मुलाकात की। वह आज शाम देश को भी संबोधित करने वाले हैं। इससे तमाम तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं। माना जा रहा है कि वे आज प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं।
मुश्किल बढ़ी तो बजट सत्र किया रद्द
इस्तीफे की अटकलों के बीच नेपाली पीएम ओली ने अपने निवास पर कैबिनेट की एक इमरजेंसी बैठक की। जिसमें नो कॉन्फिडेंस मोशन से बचने के लिए संसद के बजट सत्र को विघटित किए बिना रद्द करने का फैसला किया गया। यह फैसला प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के ब्लूवाटर स्थित सरकारी आवास पर हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। ओली को डर है कि अगर संसद का सत्र चला तो उनके ऊपर इस्तीफे को लेकर और दबाव बढ़ेगा।
- हाइलाइट्स
- नेपाल में बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी, इस्तीफा दे सकते हैं पीएम केपी शर्मा ओली
- सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने पीएम ओली पर बढ़ाया इस्तीफे का दबाव, राष्ट्रपति से मिले पीएम
- संसद को भंग करने की संभावना, ओली और प्रचंड में विवाद बढ़ा
- भारत विरोधी नीतियों से देश में ओली के खिलाफ माहौल
जारी है ‘प्रचंड’ बैठकों का दौर
कम्युनिस्ट पार्टी के चेयरमैन और ओली के विरोधी पुष्प कमल दहल प्रचंड के निवास पर बैठकों का दौर जारी है। गुरुवार सुबह उनके घर पार्टी महासचिव बिष्णु पोडेल, उप प्रधान मंत्री ईशोर पोखरेल, विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली, शंकर पोखरेल, प्रधान मंत्री ओली के मुख्य सलाहकार बिष्णु रिमल और उप संसदीय दल के नेता सुभाष नेमबांग पहुंचे। सभी नेताओं ने प्रचंड से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इसमें सरकार को लेकर बातचीत की गई।
प्रचंड की दो टूक- पीएम पार्टी का करें सम्मान
प्रचंड ने बैठक के दौरान नेताओं से दो टूक कहा कि प्रधानमंत्री ओली को पार्टी की प्रणाली, प्रक्रियाओं और उसके निर्णयों का पालन करना चाहिए। प्रचंड के अलावा माधव कुमार नेपाल, झलनाथ खनाल और बामदेव गौतम सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं से सीधे तौर पर ओली से पीएम और पार्टी के दोनों पदों से इस्तीफा देने की मांग की है।
44 में से 15 सदस्य ही ओली के साथ
ओली को पता है कि 44 सदस्यी स्थायी समिति में केवल 15 सदस्य ही उनके पक्ष में हैं। जिससे अगर वह बैठक में शामिल होते हैं तो उनपर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ जाएगा। बैठक के पहले दिन ही ओली और प्रचंड के बीच तीखी नोंकझोक देखने को मिली थी। प्रचंड ने जहां सरकार के हर मोर्चे पर फेल होने का आरोप लगाया वहीं ओली ने कहा कि वह पार्टी को चलाने में विफल हुए हैं।