जोशीमठ भूधंसाव से जूझ रहा है। पिछले कुछ समय से यहां नई दरारें आने का मामला नहीं आया है। लेकिन जिन घरों में पुरानी दरारें आई थी वह अब फिर बढ़ने लग गई हैं।
दरअसल जोशीमठ में सिंहधार वार्ड आपदाग्रस्त घोषित है। यहां दरार वाले 151 भवन हैं। इनमें से 98 असुरक्षित घोषित किए जा चुके हैं। अब तक यहां से कई परिवार अपना पुश्तैनी घर छोड़कर राहत शिविरों या अन्य सुरक्षित स्थान पर जा चुके हैं।
लगातार चट्टान खिसक रही
इतना ही नहीं सिंहधार में करीब एक माह पूर्व भूधंसाव के कारण एक मंदिर ढह गया था। इसी स्थान पर 20 फीट से अधिक ऊंची भारी-भरकम चट्टान अब भूधंसाव के कारण नीचे की तरफ खिसक रही है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी थी। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने मौका-मुआयना कर लोक निर्माण विभाग को यहां सुरक्षा उपाय करने के निर्देश दिए।
लोनिवि ने किया कामचलाऊ उपाय
लेकिन लोनिवि ने खिसक रही भारी-भरकम चट्टान को रोकने के लिए किया गया कामचलाऊ उपाय है। लोनिवि ने इस चट्टान को रोकने के लिए लोहे के पाइप और लकड़ी के डंडों की टेक लगाई हुई है। इस चट्टान के नीचे एक किमी के दायरे में गिरसी मोहल्ला, रामकलूड़ा मोहल्ला, जेपी कालोनी और मारवाड़ी आते हैं। अगर जमीन में हलचल बढ़ने पर यह चट्टान नीचे आई तो जान-माल को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है
बदरीनाथ हाईवे पर भी बढ़ रही दरारें
सिंहधार वार्ड के पास बदरीनाथ हाईवे पर पड़ी दरारें भी बढ़ रही हैं। प्रशासनिक अफसरों ने इसकी सूचना मिलते ही मौके पर जाकर मुआयना किया। साथ ही यातायात को नियंत्रित किए जाने पर विमर्श किया। हालांकि अन्य जगह से फिलहाल दरार बढ़ने की सूचना नहीं मिली है। स्थानीय प्रशासन ने हाईवे की मरम्मत के लिए शासन को सूचित कर दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही हाईवे के सुधारीकरण का काम शुरू किया जा सकता है।