ओडिशा की तर्ज पर उत्तराखंड में भी मोटे अनाजों को प्रोत्साहित करने और मार्केटिंग के लिए जल्द मिलेट्स मिशन योजना शुरू की जाएगी। इसके लिए कृषि विभाग ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। आगामी कैबिनेट में इस योजना के प्रस्ताव पर मंजूरी मिल सकती है।
शासन को भेजा गया मिलेट्स मिशन का प्रस्ताव
मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने मिलेट्स मिशन योजना का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इस योजना में सहकारी समितियों के माध्यम से मंडुवा खरीदने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए एक रिवाल्विंग फंड भी स्थापित किया जाएगा। वहीं निदेशक कृषि केसी पाठक ने बताया कि प्रदेश में मोटे अनाजों का उत्पादन और मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए पहली बार मिलेट्स मिशन का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है।
मंडुवे का उत्पादन बढ़ाने के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण
बता दें कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में छोटे-छोटे किसान मंडुवा की खेती करते हैं। इन किसानों से मंडुवा एकत्रित करने के लिए स्वयं सहायता समूहों को प्रति किलो के हिसाब से प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया जाएगा। मंडुवे का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को उन्नत किस्म के बीज देने के साथ ही प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
उत्तराखंड में 1.27 लाख मीट्रिक टन मंडुवे का उत्पादन
उत्तराखंड में 86 हजार हेक्टेयर पर मंडुवे की खेती होती है। इसमें 1.27 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होता है। राज्य गठन के बाद से प्रदेश में मंडुवे की खेती का रकबा कम हुआ है। 2000 में राज्य में मंडुवे का क्षेत्रफल 1.32 लाख हेक्टेयर था। जो घट कर 2021-22 में 86 हजार हेक्टेयर हो गया है। दरअसल पहाड़ों में मंडुवे की पैदावार एक ही जगह पर बड़े पैमाने पर खेती नहीं होती है। किसान छोटे-छोटे बिखरे खेतों पर मंडुवा उगाते हैं।