पत्थरबाजी और उपद्रव के आरोपी बॉबी पंवार समेत सभी 13 युवाओं की जमानत के लिए एसीजेएम प्रथम की कोर्ट में अर्जी लगाई गई है। मामले में थोड़ी ही देर में सुनवाई होगी। वहीं इस दौरान कचहरी स्थित शहीद स्मारक पर एक बार फिर मामला गर्माता नजर आ रहा है। जिला सत्र न्यायालय गेट पर युवा धरने पर बैठे हुए हैं। पुलिस उन्हें भी अब तक नहीं हटा पाई है।
बॉबी पवार की रिहाई की मांग
मौके पर पिछले तीन दिन से धरने पर बैठे बेरोजगार संघ के युवकों के साथ सोमवार को कुछ उनके स्वजन व राजनीतिक दलों के लोग पहुंचे। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और बॉबी पवार को तुरंत रिहा करने की मांग की है।
बॉबी पंवार ने डीजीपी को पत्र
बता दें, जेल में बंद उत्तराखंड बेरोजगार महासंघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने डीजीपी को पत्र लिखा है। उनसे मिलने गईं महिला वकील के जरिये भेजे पत्र में बॉबी ने पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि आठ फरवरी की रात पुलिस कार्रवाई का वीडियो वायरल होने से आक्रोशित युवा सड़क पर उतरे थे। बॉबी के हस्ताक्षर वाले इस पत्र में कोई मांग नहीं लिखी गई है।
सिटी मजिस्ट्रेट की दी थी आंदोलन को जानकारी
अधिवक्ता प्रियंका रविवार को उनसे मिलने जेल गई थीं। लौटकर वह धरनास्थल पर भी आईं। प्रियंका ने पत्र दिखाते हुए कहा कि यह बॉबी ने जेल में लिखा है। इसमें नीचे गणेश धामी का नाम भी लिखा है। बॉबी ने लिखा है कि आठ फरवरी के आंदोलन के बारे में उन्होंने सात को ही सिटी मजिस्ट्रेट को बता दिया था। उन्होंने युवाओं के साथ मिलकर गांधी पार्क के सामने प्रदर्शन किया। रात में युवा अपने-अपने बिस्तर पर थे।
आठ फरवरी की रात करीब 12 बजे कुछ पुलिसकर्मी आए और युवाओं को हटाने लगे। बल प्रयोग भी किया गया। इनमें लड़कियां भी शामिल थीं लेकिन टीम के साथ महिला कांस्टेबल नहीं थीं। कार्रवाई का वीडियो वायरल हुआ तो युवा आक्रोशित हो गए और अगले दिन सड़क पर उतर गए। प्रियंका ने कहा कि इस पत्र को वह डीजीपी अशोक कुमार को देंगी।