नई टिहरी। फरवरी और मार्च में नगर पालिका क्षेत्र नई टिहरी सहित निकटवर्ती गांवों में पेयजल किल्लत बढ़ सकती है। इन दिनों टीएचडीसी इंडिया की ओर से टिहरी बांध क्षेत्र में पीएसपी (पंप स्टोरेज प्लांट) परियोजना का कार्य किया जा रहा है। इस वजह नई टिहरी पंपिंग योजना की आपूर्ति चरमरा सकती है।
दरअसल, नई टिहरी शहर और सारज्यूला पट्टी क्षेत्र के 27 गांवों की करीब 40 हजार आबादी को भागीरथी नदी के जीरो प्वाइंट से जल आपूर्ति की जाती है। इन दिनों टीएचडीसी की महत्वाकांक्षी पीएसपी परियोजना का कार्य चल रहा है। जिसके चलते टिहरी बांध की झील में उतार-चढ़ाव रहेगा। इस दौरान पंपिंग योजना के संचालन में भी दिक्कत आ सकती है।
टीएचडीसी के उप महाप्रबंधक संजय कुमार के अनुसार उक्त अवधि में सुबह साढ़े 10 से अपराह्न डेढ़ बजे और रात पौने 8 से सुबह 6 बजे तक झील का जलस्तर आरएल 603.5 मीटर रहने की संभावना है। जबकि अन्य समय में जलस्तर आरएल 608 से 609 मीटर तक रहेगा। जबकि नई टिहरी पंपिंग योजना का इंटैक 610 पर स्थापित है। ऐसे में शहर की जलापूर्ति चरमरानी तय है। जल संस्थान के ईई सतीश चंद्र नौटियाल ने टीएचडीसी पत्र भेजकर आईएलओ में 2200 एलपीएम क्षमता के सबमर्सिबल पंप के लिए भैतोगी स्थित पंप हाउस तक पाइप लाइन बिछाने अथवा योजना के इंटैक वेल से रॉ वाटर स्थित फिल्टर प्लांट तक 300 मिमी व्यास की 2 किमी नई पाइप लाइन बिछाने के साथ ही 3600 एलपीएम क्षमता का सबमर्सिबल पंप लगाने को कहा है।