मणिपुर में सुरक्षाबलों का एक्शन तेज, 24 घंटे में 12 बंकर किये नष्ट

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इम्फाल। मणिपुर में करीब 2 महीने से हिंसा जारी है। इसी बीच पुलिस और सुरक्षा बलों ने भी उग्रवादियों के खिलाफ एक्शन तेज कर दिया है। सुरक्षाबलों ने पिछले 24 घंटे में हिंसा प्रभावित मणिपुर के विभिन्न जिलों में उग्रवादियों द्वारा बनाए गए 12 बंकरों को नष्ट कर दिया।

मणिपुर के हिंसा प्रभावित विभिन्न जिलों में पिछले 24 घंटों में उग्रवादियों द्वारा कथित तौर पर बनाए गए 12 बंकरों को पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान के तहत नष्ट कर दिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। मणिपुर पुलिस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों ने तमेंगलोंग, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, चुराचांदपुर और काकचिंग जिलों में तलाशी अभियान  चलाया। इस दौरान पहाड़ी और घाटी दोनों में 12 बंकरों को नष्ट कर दिया गया।

उन्होंने बयान में कहा, “तलाशी अभियान के दौरान तीन 51 मिमी मोर्टार गोले, और तीन 84 मिमी मोर्टार गोले साहुमफाई गांव के धान के खेत में पाए गए और एक आईईडी कांगवई और एस कोटलियान गांवों के बीच एक धान के खेत में पाया गया। राज्य बम निरोधक टीम द्वारा घटनास्थल पर मोर्टार गोले और आईईडी को नष्ट कर दिया गया है। मणिपुर पुलिस ने कहा कि हिंसा प्रभावित जिलों में स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन कुछ स्थानों पर नियंत्रण में है। वहीं, कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हैं, लेकिन राज्य के अधिकांश जिलों में स्थिति सामान्य है। बयान में यह भी कहा गया है कि उन्होंने कर्फ्यू उल्लंघन, परित्यक्त घरों में चोरी, आगजनी के मामलों आदि के सिलसिले में 135 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा, “अब तक कुल 1100 हथियार, 13702 गोला-बारूद और विभिन्न प्रकार के 250 बम बरामद किए गए हैं, राज्य के विभिन्न हिस्सों में फ्लैग मार्च, क्षेत्र प्रभुत्व, घेराबंदी और तलाशी अभियान जारी है।” पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे राज्य में स्थिति सामान्य बनाए रखने के लिए हरसंभव सहयोग करें। केंद्रीय नियंत्रण कक्ष के 9233522822 पर डायल कर किसी भी अफवाह को स्पष्ट करें। साथ ही तुरंत हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक वापस पुलिस या सुरक्षा बलों के पास जमा कर दें।
मेइती को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल्स स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़प के बाद तीन मई को मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी। तब से मणिपुर के कुछ हिस्से अशांत हैं. मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों की ओर से लगातार राज्य के संवेदनशील इलाकों में गश्त, फ्लैग मार्च और घेराबंदी, तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

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