देहरादून: बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहे चारधाम सड़क परियोजना के निर्माण कार्य के दौरान हुए पुल हादसे पर सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है। गुरूवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग के सचिव आर. के. सुधांशु ने अधिशासी अभियंता और दो जेई को देहरादून मुख्य अभियंता कार्यालय में संबद्ध कर दिया है। जबकि कंसलटेंट कंपनी और निर्माणदायी संस्था के खिलाफ भी सरकार ने एक्शन लिया है।
राज्य सरकार ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता, हादसे की गंभीरता और लापरवाही को देखते हुए पुल निर्माण में सुपर विजन का काम कर रही कंपनी मैसर्स आयोलीजा कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड को काली सूची में डालने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को पत्र भेज कर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है। वहीं कार्यदायी संस्था मैसर्स राजश्यामा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को भी डिबार कर दिया गया है। यह कंपनी प्रदेश में एक साल तक किसी भी निविदाओं में भाग नहीं ले सकेगी।
हादसे में जान माल का नुकसान हुआ है। बेशक पुल ईपीसी मोड में था। लेकिन कंसलटेंट एजेंसी और निर्माण एजेंसी की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई कर दी गई है। आगे भी जो कार्रवाई की जानी होगी की जाएगी। – आर.के. सुधांशु, सचिव लोनिवि
आपको बता दें कि 21 नवंबर को व्यासी के समीप गूलर में निर्माणाधीन पुल की शटरिंग टूट गई थी। इस हादसे में 13 मजदूर घायल हुए और एक की मौत हुई। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को हादसे के तत्काल जांच के आदेश दिए। जिसके उपरांत सचिव लोक निर्माण विभाग ने मुख्य अभियंता (एनएच) की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की। जांच दल ने तत्काल मौके पर जाकर जांच की और रिपोर्ट सौपी। शासन ने मंगलवार को जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की।
बुधवार को जांच रिपोर्ट का परीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने कार्रवाई के आदेश दिए। सचिव लोनिवि ने रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए श्रीनगर लोनिवि में तैनात अधिशासी अभियंता दिनेश कुमार बिजल्वाण, सहायक अभियंता मनोज पंवार व मृत्युंजय शर्मा को तत्काल प्रभाव से मुख्य अभियंता कार्यालय देहरादून में संबद्ध करने के आदेश दिए।