हरिद्वार कुंभ-2021 में कोरोना जांच घोटाले के बाद अब एक और बड़े घपले का खुलासा हुआ है। इस मेले के दौरान सफाई के लिए जो चार हजार लीटर क्षमता के 75 सक्शन व्हीकल (सेफ्टी टैंक) जगह-जगह लगाए गए थे, उन्हें ढोने के लिए जिन ट्रैक्टरों के नंबर बिल में लगाए गए, उनमें से कुछ कार, बाइक, स्कूटरों के निकले तो कुछ पंजाब और बिहार के वाहनों के हैं। आरटीआई से इस घपले का खुलासा हुआ।
कंपनियों के भुगतान पर रोक
नगर निगम के एमएनए और तत्कालीन उप मेला अधिकारी दयानंद सरस्वती ने बताया कि लापरवाही मिलने पर कंपनियों के भुगतान पर रोक लगा दी गई है।
वाहनों के नंबरों में कमी से पता चला घपला
कुंभ के दौरान बैरागी कैंप, नीलधारा में 75 सक्शन व्हीकल लगाए गए थे। इनकी रोज सफाई होनी थी। इसके लिए 1.85 करोड़ रुपये में टेंडर हुआ था। कुंभ खत्म होने के बाद जब इसके बिल भुगतान को भेजे गए तो तकनीकी प्रकोष्ठ के तत्कालीन अधिशासी अभियंता कपिल कुमार ने वाहन के नंबरों पर सवाल उठाते हुए आपत्ति लगा दी। उन्होंने कहा कि बिल में दर्शाए कई नंबरों के वाहन ही नहीं हैं। अधिकांश नंबर पंजाब और बिहार के हैं। दोपहिया, कार ट्रक के नंबर भी इसमें शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सात वाहनों के नंबर की डिटेल ही नहीं मिल पा रही है।
500 लोगों को दिखाया था काम पर
कंपनियों की ओर से 500 कर्मचारियों को काम पर लगाया गया था। इनके दस्तावेज भी पूरे नहीं मिले हैं। जबकि पहचान पत्र, आधार कार्ड, ईएसआईसी नंबर एवं धन अंतरण आदि अभिलेख भी नहीं दिखाए गए थे।
सीबीआई जांच की मांग
उधर, सामाजिक कार्यकर्ता जेपी बडोनी ने कहा कि सभी सबूतों के साथ सीएम, मुख्य सचिव एवं वित्त सचिव समेत कई अधिकारियों को शिकायत की गई है। सीबीआई जांच की मांग भी की जाएगी।