नियुक्ति:सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के पहले कुलपति बने डाॅ. नरेंद्र भंडारी, शासनादेश जारी

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देहरादूनः नवसृजित सोबन सिंह जीना अल्मोड़ा विश्वविद्यालय में राज्य सरकार ने कुलपति की नियुक्ति कर दी है। डाॅ. नरेंद्र सिंह भंडारी विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति होंगे। इस संबंध में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है। डाॅ. नरेंद्र भंडारी वर्तमान में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सदस्य हैं। डाॅ. भंडारी की नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से 03 वर्ष या 65 वर्ष की अधिवर्षता आयु पूर्ण होने, जो भी पहले हो तक की गई है।

मूल रूप से नैनी सैनी पिथौरागढ़ निवासी प्रो एनएस भंडारी रसायन विज्ञान विभाग के प्राध्यापक हैं और वर्तमान में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सदस्य हैं। वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवक भी रहे हैं। प्रो भंडारी की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई व पिथौरागढ़ में हुई है। मिशन इंटर कॉलेज पिथौरागढ़ से इंटर पास किया। जबकि 1983 में पिथौरागढ़ डिग्री कॉलेज से ही स्नातक व स्नातकोत्तर किया। आईआईटी दिल्ली से पीएचडी प्रो भंडारी शोध के दौरान ही 1988 में कुमाऊं विवि में नियुक्त हो गए। उनके 42 शोध पत्र, पांच किताब प्रकाशित हो चुकी हैं। जबकि उनके अधीन आठ शोधार्थी पीएचडी कर चुके हैं, चार कर रहे हैं। वे राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में भी शामिल रहे।

नए विश्वविद्यालय का मुख्यालय सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा में होगा। इसके अलावा विवि के बी.डी. पांडे पीजी काॅलेज, बागेश्वर और लक्ष्मण सिंह महर पीजी काॅलेज पिथौरागढ़ दो अन्य परिसर होंगे। कुमाऊं मंडल के चारों जिलों जिसमें पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर और चम्पावत के सभी डिग्री काॅलेजों को यह विश्वविद्यालय संबद्धता प्रदान करेगा। एक्ट के मुताबिक उत्तराखंड आवासीय विवि का अस्तित्व समाप्त हो गया है।

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