हरिद्वार जिले में 6714 उपभोक्ताओं ने 51.10 करोड़ रुपये का पानी पीकर जल संस्थान को बिल जमा नहीं कराया। बकायेदारों के खिलाफ 30 अप्रैल को कार्रवाई करते हुए आरसी काटी जाएगी। राजस्व वसूली करने के लिए अधिशासी अभियंता मदन सेन ने निर्देश जारी किए हैं। मंगलवार को उत्तराखंड जल संस्थान की हरिद्वार शाखा कक्ष में राजस्व वसूली और विभागीय कार्यों की समीक्षा हुई। बैठक में ईई मदन सेन ने जल संस्थान के अधिकारियों से 15 हजार और 50 हजार रुपये से अधिक के बकायेदारों के विषय में जानकारी ली। अधिकारियों ने ईई को बताया कि जिले में 15 हजार रुपये से अधिक 1635 उपभोक्ता हैं।
50 हजार रुपये से अधिक के बकायेदारों की संख्या 5079 है। सबसे ज्यादा 1184 बकायेदार जोन तृतीय रामरखा ज्वालापुर में हैं। यहां उपभोक्ताओं पर करीब नौ करोड़ 40 लाख बकाया है। सबसे ज्यादा राशि करीब 13 करोड़ 55 लाख जोन प्रथम भूपतवाला में 974 उपभोक्ताओं पर बकाया है। सबसे कम बकाया कलियर में है, जहां 10 उपभोक्ताओं पर 2.90 लाख रुपये बकाया है।
बैठक के दौरान संजय चौहान, संजय सैनी, राकेश बरमाडा, विनोद कुमार, हिमांशु त्यागी, परवेज आलम, अंजली पलड़िया, विवेक रवि, विशाल यादव, प्रशांत कोठारी, दीपक भट्ट, प्रियंक बलूनी, अमरदीप सिंह रावत आदि अधिकारी उपस्थित रहे।
लगाया था कैंप बकाया वसूली के लिए जल संस्थान ने मार्च माह में कैम्प का आयोजन किया। विभिन्न क्षेत्रों में मुनादी कर उपभक्ताओं को पानी का बिल जमा करने को कहा गया। बड़े बकायेदार पानी का बिल जमा करने को तैयार नहीं है। अब राजस्व वसूली के लिए विभाग उपभोक्ताओं की आरसी काटने जा रहा है।
जल संस्थान के ईई, मदन सेन ने बताया कि बकाया जमा कराने के लिए समय दिए जाने के बाद भी उपभोक्ताओं ने बकाया जमा नहीं किया है। बैठक में निर्णय लिया गया है कि 30 अप्रैल तक बकाया जमा न करने वालों की आरसी काटी जाएगी। बकायेदारों की सूची जारी कर दी गई है।