नैनीताल : उच्च न्यायालय ने सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की ओर से
अपने पद से चमोली जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष को हटाने के खिलाफ अपना फैसला दिया है। इसे पूरी तरह से गलत करार दिया है। उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार, भंडारी अपने पद पर बने रहेंगे।
जिला पंचायत अध्यक्ष चमोली रजनी उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चमोली के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को बड़ी राहत दी है, जिससे धामी सरकार को झटका लगा है।
हाईकोर्ट के वेकेशन जज न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने चमोली जनपद की बर्खास्त जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी की बर्खास्तगी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी बर्खास्तगी आदेश को निरस्त करते हुए उन्हें बहाल कर दिया है।
साथ ही उच्च न्यायालय ने सरकार से पंचायती राज नियमावली का ठीक से पालन करने की नसीहत भी दी है। रजनी भंडारी के हटते ही जिला पंचायत अध्यक्ष की जिम्मेदारी जिला पंचायत उपाध्यक्ष के लक्ष्मण रावत को दे दी गई थी।
रजनी भंडारी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवकत्ता देवदत्त कामत ने इस केस की पैरवी की थी। वहीं ये मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट के वेकेशन जज न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने सुना था।
रजनी भंडारी के वकील की कोर्ट में तर्क था कि उन्हें राजनीति देष की भवना से हटाया है, क्योंकि एक व्यक्ति की शिकायत पर उन्हें पद से हटाया गया है, जबकि मामले की जांच भी नहीं हुई है।