एलएसी विवाद पर भारत ने चीन को चेतावनी दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर दो टूक कहा कि वह एलएसी और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति के लिए एकतरफा प्रयास नहीं करेगा। भारत ने कहा कि शांति के लिए साझा प्रयास होने चाहिये न कि एकतरफा। दरअसल भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक वार्ता चल रही है। लेकिन चीन वार्ता के दौरान लिये गये फैसलों पर अमल नहीं कर रहा है। बल्कि उल्टा सैन्य तैयारियों में जुट है। जिससे भारत सरकार को स्पष्ट करना पड़ा वह एकतरफा शांति का प्रयास नहीं करेगा।
नई दिल्लीः भारत-चीन सीमा विवाद पर भारत सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है। भारत ने कहा कि वह एलएसी और सीमावर्ती क्षेत्रों में एकतरफा शांति के प्रयास नहीं किया जाएगा। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि मैंने पिछले कई हफ्तों में कई बयानों के माध्यम से भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थिति के संबंध में सरकार की स्थिति स्पष्ट की है। जैसा कि पहले बताया गया है, एलएसी और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना ही दोनों देशों के लिए शांति का आधार है। 1993 से भारत और चीन द्वारा संपन्न कई समझौते इसे मजबूती से स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा एलएसी पर शांति बहाली के लिए भारत की ओर से एकतरफा प्रयास नहीं किया जाएगा।
- हाइलाइट्स
- विदेश मंत्रालय ने कहा, एलएसी पर शांति के लिए दोनों देशों को प्रयास करने होंगे
- विदेश मंत्रालय ने साफ कहा दोनों देशों के संबंधों का आधार शांति पर टिका हुआ है
- दोनों देश राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से चर्चा में लगे हुए हैं
एकतरफा प्रयास स्वीकार्य नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व में उनहोंने अपने बयान में नोट किया था कि इस वर्ष चीनी सेनाओं का संचालन के साथ-साथ अनुचित और अस्थिर दावे शामिल हैं, जो कि आपसी समझौतों की खुली अवहेलना है। उस समय यह भी स्पष्ट किया गया था कि भारत एलएसी का अवलोकन करने और उसका सम्मान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है लेकिन एलएसी को बदलने के किसी भी एक-तरफा प्रयास को स्वीकार नहीं करेंगे।
चीन से जारी है चर्चा
दोनों पक्षों सीमा पर शांति पूर्ण बहाली के लिए राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से चर्चा में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने पिछले हफ्ते जानकारी दी थी कि 14 जुलाई को वरिष्ठ कमांडरों की बैठक का 4वां दौर आयोजित किया गया था, जहां उन्होंने पूर्ण विघटन को सुनिश्चित करने के लिए और कदमों पर चर्चा की। इस संदर्भ में, भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की एक और बैठक भी जल्द ही होने वाली है।
शांति बनाए रखना जरूरी
उन्होंने कहा, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति का रख रखाव हमारे द्विपक्षीय संबंधों का आधार है। इसलिए यह हमारी अपेक्षा है कि चीनी पक्ष ईमानदारी से पूर्ण विघटन और डी-एस्केलेशन और सीमा क्षेत्रों में शांति और शांति की पूर्ण बहाली के लिए जल्द से जल्द काम करेगा, जैसा कि विशेष प्रतिनिधियों द्वारा सहमति व्यक्त की गई है।