सीमा पर हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच विवाद काफी गहरा गया था। दोनों ही देश युद्ध के करीब पहुंच गये थे। लेकिन सैन्य और राजनयिक बातचीत के बाद मामले को सुलझाने की कवायद की गई जो अब भी जारी है। दोनों देशों के बीच जारी बातचीत के बाद दोनों ओर की सेनाएं सीमा से पीछे हट रही है। हालांकि चीन की सेना अभी पेंगोंग सो में फिंगर एरिया के पास अब भी तैनात है। इसे लेकर चीन ने दावा किया है कि जैसे-जैसे बातचीत आगे बढ़ रही है, सेनाएं पीछे हट रही हैं।
नई दिल्लीः पिछले महीने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पैदा हुई तनावपूर्ण स्थिति के बाद बातचीत के जरिये चीन और भारत की सीमा पर तनाव कम हुआ है। वहां तैनात दोनों देशों की सेनाएं अब ज्यादातर जगहों से पीछे हट चुकी हैं। यह बयान चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किया गया। जबकि भारतीय पक्ष कहना है कि चीन गलत जानकारी दे रहा है। सैन्य और कूटनीतिक माध्यमों से दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद यह कार्रवाई पूरी की जा रही है। हालांकि, पैंगोंग सो इलाका अभी भी ऐसा है जहां से चीन की सेना बातचीत के मुताबिक वापसी नहीं कर रही है।
- हाइलाइट्स
- चीन का दावा, लद्दाख में पीछे हट रही है सेना
- कमांडर स्तर की बातचीत के साथ पीछे हटे
- पांचवें दौर की वार्ता में होगा पैंगोंग पर फैसला
- गलवान, PP15, हॉट-स्प्रिंग्स स पीछे हटे
फिर होगी सैन्य वार्ता
भारतीय अधिकारियों का कहना है कि पैंगोंग सो इलाके से चीनी सैनिकों की वापसी का तरीका तय करने के लिए इस हफ्ते उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता हो सकती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सैन्य और राजनयिक स्तर पर फिलहाल चल रही वार्ता के परिणामस्वरूप पूर्वी लद्दाख के गश्ती बिंदु 14, 15 और 17ए से सेनाएं पूरी तरह अपनी-अपनी जगह लौट चुकी हैं।
संघर्ष की जगहों से पीछे हटी
पैंगोंग सो वाले इलाके से सेनाओं की पूर्ण वापसी के लिए अगले हफ्ते सेना के शीर्ष कमांडरों की बैठक होने की संभावना है। जानकारों का मानना है कि गलवान घाटी और कुछ अन्य स्थानों, जहां संघर्ष हुआ था, से चीन की सेना वापस जा चुकी है, लेकिन पैंगोंग सो इलाके में फिंगर पांच से फिंगर आठ तक के क्षेत्र से चीनी सैनिकों की वापसी उस तरह से नहीं हो रही है, जैसा कि भारत ने मांग की थी।