बजट सत्र: सदन में बोले माननीय, दून में बनेगा वृद्धाश्रम तो प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठायेंगे प्रभावी कदम

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गैरसैंण: बजट सत्र के दूसरे दिन सदन में सरकार ने विपक्ष के प्रश्नों का जवाब दिया। विपक्ष के धारदार प्रश्नों पर सरकार के मंत्रियों ने भी बखूबी जवाब दिये। इस दौरान विपक्ष ने अपने सवालों से सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन टीम त्रिवेन्द्र भी अपनी पूरी तैयारी में थी। जिसके चलते विपक्ष को हंगामा करने का कोई मौका नहीं मिला।

प्रश्नकाल के दौरान समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य को विपक्षी विधायकों ने घेरने की कोशिश की। इस दौरान धनोल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने वृद्धावस्था पेंशन योजना व वृद्धाश्रम को लेकर सवाल पूछे। जिसका जवाब देते हुए आर्य ने बताया कि वर्तमान में वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत लाभार्थियों को 1200 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। वर्तमान में करीब 86 लाख रुपये की लागत से राजकीय वृद्धाश्रम निर्माणाधीन है, जबकि देहरादून में वृद्धाश्रम के लिए भूमि चिह्नित कर ली गई है।

परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने सदन में कहा कि कोरोना संकट के दौरान लाकडाउन में यातायात गतिविधियां ठप रहने के मद्देनजर बस, ट्रक, टैक्सी-मैक्सी, रिक्शा, विक्रम, स्कूल बस आदि के मालिकों को वाहनों के मोटरयान कर के भुगतान में तीन माह की छूट दी गई थी। उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों ने ऋण लेकर सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के लिए वाहन खरीदे हैं, उनका ब्याज माफ करने पर कोई विचार नहीं हो रहा। कैबिनेट मंत्री आर्य ने विधायक प्रीतम सिंह पंवार के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।

विधायक देशराज कर्णवाल के सवाल के जवाब में समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने बताया कि राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति के सामाजिक आर्थिक, शैक्षणिक एवं समग्र उत्थान के लिए तेलंगाना व कर्नाटक की तर्ज पर उत्तराखंड राज्य अनुसूचित जाति उपयोजना और जनजाति उपयोजना (नियोजन, धनावंटन तथा उपयोग) अधिनियम पारित किया है। उन्होंने कहा कि फिलवक्त इस अधिनियम में संशोधन का कोई विचार नहीं है।

वहीं एक सवाल के जवाब में वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने सदन को बताया कि पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में अब प्रत्येक जिले का इनवायरनमेंट प्लान बनेगा। सरकार ने पंडित गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयन पर्यावरण संस्थान को यह जिम्मेदारी सौंपी है और उसे अप्रैल तक सभी 13 जिलों का प्लान सौंपने को कहा गया है। इसके आधार पर सभी जिलों में वायु, जल व ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

विधायक निजामुद्दीन ने राज्य में निरंतर आ रही आपदाओं को लेकर सरकार से पूछा कि इस बावत राज्य के लिए कोई पर्यावरण नीति बनाई है। इस पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डा.रावत ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के तहत राज्य में पर्यावरण संरक्षण को कदम उठाए जा रहे हैं। वायु, जल व ध्वनि प्रदूषण की मानीटरिंग और रोकथाम को इसी के अनुरूप कदम उठाए जाते हैं। इसके साथ ही सरकार ने राज्य में पर्यावरण मंत्रालय के साथ ही निदेशालय का गठन किया गया है।

डा. रावत ने बताया कि हर जिले का प्लान तैयार होने के बाद उसमें यह भी देखा जाएगा कि संबंधित जिले की जलविद्युत समेत अन्य योजनाएं पर्यावरणीय मानकों का पालन कर रही हैं अथवा नहीं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वर्तमान में सभी जिला मुख्यालयों के साथ आठ नगर निगम क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता की मानीटरिंग हो रही है। साथ ही विभिन्न नदियों व झीलों में सौ स्थानों पर मानीटरिंग की जा रही है। विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के अनुपूरक प्रश्न के जवाब में कैबिनेट मंत्री रावत ने बताया कि लंढौरा समेत प्रदेश के सभी क्षेत्रों के लिए 50 करोड़ की लागत से एयर क्वालिटी मैनेजमेंट प्लान तैयार किया जा रहा है।

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