नई दिल्ली: एलएसी पर भारत और चीन के बीच में तनाव को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में बयान दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत 3 सिद्धांतों पर समाधान चाहता है। सबसे पहले, दोनों पक्षों को एलएसी पर सहमत होना चाहिए और इसका सम्मान करना चाहिए। दूसरे, किसी भी पक्ष द्वारा एकतरफा स्थिति बदलने का प्रयास नहीं होना चाहिए। तीसरा, सभी समझौतों पर दोनों पक्षों द्वारा पूरी तरह से सहमति होनी चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि हमारी सेना कई अहम लोकेशन पर मौजूद है और हम एलएसी में मजबूत स्थिति में है। राजनाथ ने ऐलान किया कि पैंगोंग को लेकर चीन से समझौता हुआ है और आपसी सहमति से सेनाएं पीछे हटेंगी। समझौते के मुताबिक 48 घंटों में दोनों सेनाएं पीछे हट जाएंगी। उन्होंने कहा कि चीन ने एलएसी पर घुसपैठ की कोशिश की थी जिसका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
राजनाथ ने साफ तौर पर कहा कि भारत पर 1 इंच भी अपनी जमीन किसी को लेने नहीं देगा। बातचीत के लिए हमारी रणनीति तथा दृष्टिकोण माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के इस दिशा निर्देश पर आधारित है कि हम अपनी एक इंच जमीन भी किसी और को नहीं लेने देंगे। हमारे दृढ़ संकल्प का ही यह फल है कि हम समझौते की स्थिति पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि चीन द्वारा पिछले साल भारी संख्या में एलएसी पर गोला बारूद इकट्ठा कर लिया गया था। हालांकि हमारी सेनाओं ने उपायुक्त जवाबी कार्रवाई की थी। सितंबर में दोनों पक्षों के बीच बातचीत शुरू हुई। फिलहाल यथास्थिति बनाना हमारा पहला लक्ष्य है।
राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि फ्रिक्शन क्षेत्रों में डिसइंगेजमेंट के लिए भारत का यह मत है कि 2020 की फॉरवर्ड डिप्लॉयमेंट जो एक-दूसरे के बहुत नजदीक हैं वे दूर हो जाएं और दोनों सेनाएं वापस अपनी-अपनी स्थाई एवं मान्य चैकियों पर लौट जाएं। पिछले साल से, हमने चीन के साथ सैन्य और राजनयिक स्तरों पर संबंध बनाए रखा है। वार्ता के दौरान, हमने चीन से कहा कि हम तीन सिद्धांतों पर आधारित मुद्दे का समाधान चाहते हैं।