देहरादून: सूबे में चार धाम यात्रा के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। जिससे यात्रा व्यवस्थाएं चरमारा गई हैं। उत्तराखंड सरकार ने व्यवस्था बनाने के दृष्टिकोण से चारधामों में प्रतिदिन यात्रियों की संख्या तय दी है और यात्रा के लिये यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। चारों धामों के दर्शन करने के लिये तीर्थ यात्रियों ने यात्रा के लिये धडल्ले से आवेदन किये, जिस कारण रजिस्ट्रेशन के सभी स्लॉट फुल हो गए हैं। हरिद्वार के दोनों पंजीकरण केंद्रों पर यात्रियों का पंजीकरण बंद दिया गया जिस कारण दूर-दराज से आए श्रद्धालु परेशान हैं।
3 मई से शुरू हुई केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के रास्तों पर गाड़ियों की कई किलोमीटर लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं। इसकी वजह से श्रद्धालुओं को टेंट, बिजली, भोजन, पानी और मेडिकल सहायता जैसी बुनियादी सुविधाएं मिल पाने में मुश्किल हो रही है। सरकार की आधी-अधूरी तैयारियों की वजह से तीर्थ यात्रियों को जहां अव्यवस्थाओं से जूझना पड़ रहा है, वहीं बार-बार पुलिस के रोके जाने से परेशान हैं। सरकार ने अव्यवस्थाओं को देखते हुए चारधामों में तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित कर दी है और तीर्थयात्रियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है।
तीर्थ यात्रियों द्वारा भारी संख्या में पंजीकरण करने पर सभी स्लॉट फुल हो गये हैं । लिहाज तीर्थ यात्रियों को केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों को 9 जून तक इंतजार करना होगा। जबकि बद्रीनाथ धाम के लिए 25 मई तक स्लॉट फुल हैं। ऐसे में दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन स्लॉट जून के प्रथम सप्ताह तक बुक होने पता चलने पर वे निराश है। श्रद्धालुओं का कहना है कि सरकार को पर्याप्त व्यवस्थाएं करनी चाहिए।
बिना पंजीकरण के धाम पहुंच रहे श्रद्धालु
सरकार ने चारों धामों में श्रद्धालुओं के प्रतिदिन आने की संख्या तय कर रखी है। इसके बाद भी धामों में बिना पंजीकरण के बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सबसे अधिक दिक्कत केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में आ रही है। अब जब समस्या बढ़ने लगी है, तो बिना पंजीकरण वाले श्रद्धालुओं को लौटाया जा रहा है। इसे लेकर हंगामा भी हो रहा है।