केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वी के सिंह ने भारत-चीन सीमा पर हुये विवाद पर चैकानें वाला बयान दिया है। केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह ने दावा किया कि भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई झड़प के दौरान न भारत ने चीनी सैनिकों को पकड़ लिया था। उन्होंने कहा कि सैनिक चीन ने ही नहीं बल्कि भारत ने भी उनके सैनिक लौटाये हैं।
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वी के सिंह ने भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बारे में सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि चीन ने ही भारत के सैनिक नहीं लौटाए, बल्कि भारत ने भी चीन के सैनिक लौटाए हैं। जनरल सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने कुछ भारतीय सैनिकों को पकड़ा था और उन्हें लौटाया है। इसी तरह हमने भी चीन के कुछ सैनिकों को पकड़ा था और फिर उन्हें छोड़ दिया गया।
- हाइलाइट्स
- चीन ने ही भारत के सैनिक नहीं लौटाए, बल्कि भारत ने भी चीन के सैनिक लौटाए हैं
- इस झड़प में चीन के दोगुने सैनिक मारे गए हैं
- झगड़े की जड़ पेट्रोल पॉइंट 14 है जो अब भी भारत के नियंत्रण में है
- गलवान घाटी का जो हिस्सा भारत के पास था, आज भी है
चीन के दोगुने सैनिक मरे
उन्होंने साथ ही कहा इस झड़प में चीन के दोगुने सैनिक मारे गए हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे 20 शहीद हुए हैं तो चीन के इससे ज्यादा सैनिक मारे गए हैं लेकिन चीन यह नहीं बताएगा। वहां हर चीज को छिपाया जाते हैं। वहां चीन के दोगुने से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। हमारे सैनिकों ने बदला लेकर शहादत दी है।
भारत के कब्जे में पेट्रोल पॉइंट 14
गलवान घाटी में मौजूदा स्थिति के बारे में पूर्व आर्मी चीफ ने कहा कि गलवान घाटी का जो इलाका भारत के पास था, वो अब भी हमारे पास है। उन्होंने कहा, झगड़े की जड़ पेट्रोल पॉइंट 14 है जो अब भी भारत के नियंत्रण में है। गलवान घाटी का एक हिस्सा उनके पास है और एक हिस्सा अब भी हमारे पास है। चीन 1962 से वहां बैठा है लेकिन हम भी वहां से नहीं हिले हैं। उन्होंने कहा, हम अपनी तरफ थे और वे अपनी तरफ। फिर कोई हमारी तरफ से उधर गया और कोई वहां से इधर आया। हमें यह सब जानकारी साझा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हर किसी को यह जानने की जरूरत नहीं है।
गलवान की अहमियत
पूर्वी लद्दाख में एलएसी के करीब स्थित गलवान घाटी क्षेत्र सामरिक दृष्टि से बेहद अहम है। इस इलाके में एलएसी पर कोई विवाद नहीं रहा है, लेकिन चीन अब पूरी गलवान घाटी पर अपना दावा जता रहा है। चीन को आशंका है कि इस इलाके में भारत की मजबूत स्थिति से उसकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गलवान सेक्टर बेहद संवेदनशील है, क्योंकि एलएसी के नजदीक डीएस-डीबीओ रोड से जुड़ता है।