देहरादून। सूबे के राजकीय मेडिकल कॉलेजों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में सफाई व्यवस्था को आउट सोर्स के माध्यम से मजबूत किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसके साथ ही विभिन्न वार्डों में चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की तैनाती एनएमसी मानकों के अनुसार की जायेगी। मेडिकल कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन माध्यम से पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिये शीघ्र ही ई-ग्रंथालय की सुविधा प्रारंभ की जायेगी।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के सभाकक्ष में सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ समीक्षा बैठक की। जिसमें मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध चिकित्सालयों में सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिये आउट सोर्स सेवाएं लेने का निर्णय लिया गया। इसके लिये चिकित्सा शिक्षा निदेशालय प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध करायेगा। इसके उपरांत शासन की अनुमति के उपरांत सभी मेडिकल कॉलेज सफाई व्यवस्था के लिये आउट सोर्स सेवाएं ले सकेंगे। इसी प्रकार सम्बद्ध चिकित्सालयों के सभी वार्डों में एनएमसी मानकों के अनुरूप चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की तैनाती सुनिश्चित की जायेगी ताकि मेडिकल कॉलेजों में आने वाले सभी मरीजों को 24 घंटे वार्ड ब्वाय की सेवा उपलब्ध हो सके। इसी प्रकार मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को देश-विदेश के बेहतर लेखकों के पाठ्य पुस्तकों एवं शोध पत्रों को ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराने के लिये मेडिकल कॉलेजों में शीघ्र ई-ग्रंथालय की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इस संबंद्ध में चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को शीघ्र ई-ग्रंथालय की सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिये गये हैं जिसका विधिवत शुभारम्भ इसी सत्र के शुरू होने के साथ ही कर दिया जायेगा। उन्होंने प्रदेश के पिथौरागढ़, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, हरिद्वार, श्रीनगर व देहरादून मेडिकल कॉलेजों में चल रहे निर्माण कार्यों से संबद्ध कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारयों को निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। डॉ. रावत ने कहा कि मेडिकल छात्रों के छात्रावासों में सफाई से लेकर बेहतर पढ़ाई का माहौल उपलब्ध कराने के लिये कॉलेज प्रशासन को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार, कुलपति मेडिकल विश्वविद्यालय प्रो. हेमचन्द्र, अपर सचिव स्वास्थ्य शिक्षा नमामि बंसल, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, केजीएमसी लखनऊ के प्रो. सूर्यकांत सहित पिथौरागढ़, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, हरिद्वार, श्रीनगर के प्राचार्य एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी व विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।