सहमतिः इस साल नहीं होगी कांवड़ यात्रा, उत्तराखंड, यूपी और हरियाणा सरकार ने लिया फैसला

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भगवान भोले शंकर के भक्त इस बार कांवड़ यात्रा नहीं कर पायेंगे। दरअसल कोरोना महामारी को देखते हुए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने आपस में बातचीत कर यह फैसला लिया। तीनों राज्यों की सरकारों ने महामारी फैलने के डर से सावन में होने वाली कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया है।

देहरादूनः उत्‍तराखंड सरकार ने शनिवार को कोरोना वायरस के चलते धार्मिक यात्रा कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के बीच हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में कावड़ यात्रा को स्थगित करने पर सहमति बनी। इसके साथ ही राजस्थान दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों से भी वार्ता कर सहमति लेने पर चर्चा हुई।

तीनों मुख्यमंत्रियों की बैठक में सावन मास में अभिषेक करने के लिए भी गाइडलाइन जारी करने की बात हुई। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ कांवड़ यात्रा के संबंध में विस्तार से विचार विमर्श किया गया। बैठक में सामूहिक सहमति बनी कि इस वर्ष कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया जाए।

  • हाइलाइट्स
  • यूपी, हरियाणा और उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्रियों ने शनिवार को कांवड़ यात्रा स्‍थगित करने अहम फैसला लिया
  • इसके अलावा सावन में अभिषेक करने के लिए भी गाइडलाइन जारी करने की बात हुई, अन्‍य राज्‍यों से भी इस पर बात होगी
  • कांवड़ संघ और संत महात्मा भी इस बात से सहमत थे कि कोविड-19 को रोकने के लिए जरूरी है कि भीड़ न जमा हो

संतों का भी समर्थन
कांवड़ संघों और संत महात्माओं से भी यही प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। कोविड-19 को रोकने के लिए बहुत जरूरी है कि लोगों के बड़ी संख्या में इकट्ठे होने को रोका जाए। लोग जलाभिषेक स्थानीय स्तर पर निर्धारित गाइडलाइन का पालन करते हुए कर सकते हैं। जल्द ही इस बारे में राजस्थान, दिल्ली व पंजाब के मुख्यमंत्रियों से भी बात की जाएगी।

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