उत्तराखंड सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सूबे में दो दिन लाॅकडाउन लागू करने का फैसला लिया है। अगर हालात नहीं संभले तो इसे आगे भी लागू किया जायेगा। लाॅकडाउन के लिए आज गाइडलाइन जारी की जायेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए ये व्यवस्था की गई है। उन्होंने ये भी कहा कि आगे की व्यवस्था के लिए समीक्षा कर फैसला लिया जाएगा।
देहरादूनः उत्तराखंड में सप्ताह में 2 दिन का लाॅकडाउन रहेगा। इसको लेकर सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव के साथ लंबी चर्चा की। इस दौरान सीएम ने कहा कि प्रदेश में संक्रमितों का आंकड़ा चार हजार तक पहुंचने वाला है। ऐसे में चिंताएं बढ़ने लगी है। कोरोना के लगातार सामने आ रहे नए मामलों की चेन तोड़ने के लिए एक अहम फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि शनिवार और रविवार को पूरी तरह से लॉकडाउन रहेगा। इसके लिए अभी विस्तार से गाइडलाइन बनाई जाएगी। इसके साथ ही इन दोनों दिनों में सैनिटाइज की व्यवस्था भी की जाएगी। बढ़ते संक्रमण पर सीएम ने कहा कि जनहित में सरकार कड़े फैसले लेने से नहीं हिचकेगी। अगर हालत यही रहे तो लॉकडाउन को आगे भी बढाया जा सकता है।
- हाइलाइट्स
- उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण ने पकड़ी रफ्तार
- सतर्क हुई त्रिवेंद्र सरकार, लिया लाॅकडाउन का फैसला
- शनिवार और रविवार को लाॅकडाउन रहेगा राज्य
- हालात नहीं संभले तो आगे भी हो सकता है लाॅकडाउन
- व्यापारियों की मांग, सप्ताह में 5 दिन खुले बाजार
- एक दिन में 199 मामलों ने बढ़ाई चिंता
व्यापारियों की मांग
सूबे में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए व्यापारियों ने सरकार से सप्ताह में 5 दिन बाजार खोलने की मांग की है। व्यापारियों का कहना है कि कोरोना से बचने के लिए बाजारों के खुलने के समय में भी कटौती करनी होगी। राजधानी देहरादून के लेकर ऊधमसिंह नगर आदि जिलों में कई व्यापारी भी कोरोना की चपेट में आये थे। जिसे देखते हुए ये लोग सरकार से सप्ताह में 5 दिन ही बाजार खोलने की मांग कर रहे हैं। कोरोना के आंकड़ों में अचानक 199 की वृद्धि होने से सरकार सतर्क हो गई है। जिसके चलते सरकार को साप्ताहिक बंदी के तहत 2 दिन लाॅकडाउन करने का फैसला लेना पड़ा। हरिद्वार स्थित युनिलीवर फैक्ट्री में 20 कर्मचारियों में कोरोना वाइरस की पुष्टि होने और देहरादून में संक्रमित मिलने से सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत आन पड़ी है।