चीन को अपने ही घर में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कोविड-19 से लेकर नागरिकों द्वारा लोकतंत्र की मांग और अब चीनी परमाणु वैज्ञानिकों का सामुहिक इस्तीफा। देशभर में सरकार की अलोचना को दबाने के लिए चीन ने सीम पर विवाद को तूल दिया है। ताकि वह अपने नागरिकों का ध्यान बांट सके। लेकिन हाल में चीन के सरकारी परमाणु संस्थान द इंस्टीट्यूट ऑफ़ न्यूक्लियर एनर्जी सेफ्टी टेक्नोलाॅजी में काम करने वाले 90 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने अपना इस्तीफा दिया है। जिसके बाद चीनी सरकार घबराई हुई है। सरकार ने वैज्ञानिकों के इस्तीफे को ब्रेन ड्रेन मानते हुए इसके जांच के आदेश दिये।
नई दिल्लीः चीन की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है। चीन एक ओर युद्ध की कगार पर खड़ा है तो दूसरी ओर वह गृह युद्ध की ओर बढ़ रहा है। इन सबके बीच अब चीनी वैज्ञानिकों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार चीनी परमाणु संस्थान द इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी सेफ्टी टेक्नोलॉजी में काम करने वाले 90 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने इस्तीफा दे दिया है। वैज्ञानिकों के इस्तीफे के बाद चीनी सरकार के हाथ-पांव फूल गये हैं। सरकार ने इसे ब्रेन ड्रेन मानते हुए जांच के आदेश दिया है। इतनी बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों के इस्तीफे से इस संस्थान को चलाने के लिए बहुत कम साइंटिस्ट बचे हैं। जिससे चीन की परेशानी बढ़ गई है।
- हाइलाइट्स
- चीनी सरकार और वैज्ञानिकों में जंग, सरकारी एटमिक सेंटर के 90 साइंटिस्ट्स ने दिया इस्तीफा
- इतनी बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों के इस्तीफे के पास इस संस्थान को चलाने के लिए बहुत कम साइंटिस्ट बचे
- चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा- यह ब्रेन ड्रेन का विषय, करेंगे जांच
इस्तीफे के कई कारण
मीडिया रिपोट्स के अनुसार, वैज्ञानिकों के इस्तीफा देने की कई वजहें हैं। जिसमें से उनके वेतनमान में गड़बड़ी और सरकारी सुविधाओं की कमी भी प्रमुख मुद्दा है। वहीं, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी इस संस्थान पर अपना पूरा अधिकार जमाए हुए है। कहा जा रहा है कि पार्टी के बड़े नेता जबरदस्ती वैज्ञानिकों से काम करवाना चाहती है।
विवाद की जड़
चीन का द इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी सेफ्टी टेक्नोलॉजी संस्थान हेफी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल साइंस (चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस) के अंतर्गत काम करता है। आईनेस्ट की पैरेंटिंग संस्था चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस के शीर्ष पदों पर कम्युनिस्ट पार्टी के नेता काबिज हैं, जो अपनी मनमानी चला रहे हैं। यहां तक कि वैज्ञानिकों को उनके प्रोजक्ट के लिए पर्याप्त फंड तक नहीं दिया जा रहा है। संस्थान की वेबसाइट के अनुसार, मध्य चीन के अनहुई प्रांत की राजधानी हेफेई में स्थित आईनेस्ट चीन के वैज्ञानिकों का एक केंद्र है। इस संस्थाान में लगभग 600 सदस्य हैं और 80 प्रतिशत शोधकर्ताओं के पास पीएचडी की डिग्री है। यहां के कई वैज्ञानिक चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। जिनकी औसत आयु 31 साल के आस पास है।
100 वैज्ञानिकों के सहारे संस्थान
एक चीनी अधिकारी के अनुसार, कभी इस संस्थान में 500 वैज्ञानिक काम करते थे। पिछले कई सालों में यहां से बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों ने इस्तीफा दिया है। हालात यह हैं कि इस संस्थान में वर्तमान में केवल 100 वैज्ञानिक ही बचे हैं। इन वैज्ञानिकों का वेतन लगभग 10,000 युआन ($ 1,430) प्रति माह है।