दुनिया जब कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अपने घरों में दुबकी है। तब भारत की सेना चीन के मंसूबों पर पानी फेर रही है और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस वक्त रूस के दौरे पर है। वह रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली और अन्य रक्षा उपकरणों के संबंध में हुई डील को पूरा करने के लिए रूस से बात कर रहे हैं। रूस पहुंचते ही राजनाथ सिंह का भव्य स्वागत किया गया। रूस ने बयान जारी क्र कहा कि वह भारत के साथ मजबूती के साथ खड़ा है और भारत के साथ सभी रक्षा सौदों को जल्द पूरा करेगा। रूस में रूस में विक्ट्री डे मनाया जायेगा जिसमें भारतीय सेना भी शामिल होगी।
नई दिल्लीः रूस में विक्ट्री डे के जश्न के लिए मॉस्को पहुंचे भारत के केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय दूतावास में महात्मा गांधी की मूति पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और फिर रूस के उपप्रधानमंत्री युरी इवानोविक बोरिसोव से मुलाकात की। बाद में प्रेस को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि भारत और रूस के बीच विशेष सहयोग है और रूस ने भरोसा दिलाया है कि भारत संग किए गए समझौते तेजी से पूरे किए जाएंगे।
‘दोस्ती का सबूत‘
राजनाथ ने द्वितीय विश्व युद्ध में रूस के लोगों के सर्वोच्च बलिदान देने के लिए श्रद्धांजलि दी और कहा कि भारतीय सैनिक भी सोवियत आर्मी को सहायता पहुंचाने में शहीद हुए थे। सिंह ने कहा कि मॉस्को में कोविड-19 महामारी के बाद किसी भी भारतीय डेलिगेशन का यह पहला दौरा है और यह भारत और रूस की खास दोस्ती का प्रमाण है। सिंह ने कहा, ‘महामारी की कठिनाइयों के बाद भी हमारे द्विपक्षीय संबंध बने हुए हैं। मुझे भरोसा दिलाया गया है कि जो समझौते किए जा चुके हैं उन्हें जारी रखा जाएगा। उनको और तेजी से कम समय में पूरा किया जाएगा।
हाइलाइट्स
रूस पहुंचे केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
डेप्युटी PM से मिले राजनाथ, चर्चा हुई
कोरोना के बीच दौरा, दोस्ती का सबूत
मॉस्को में विक्ट्री डे परेड में होंगे शामिल
भारतीय सेना भी करेगी शक्ति प्रदर्शन
किस समझौते पर नजर
भारत और रूस के बीच 2018 में दुनिया के सबसे अडवांस्ड एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम S-400 की डील 5 अरब डॉलर यानी 40,000 करोड़ रुपये में फाइनल हुई थी। भारत ने इसकी पांच यूनिट्स खरीदने का करार किया है। दरअसल, यह एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसमान से गिरा सकता है। यह दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। भारत को इसकी खासी जरूरत इसलिए है क्योंकि पाकिस्तान के पास अपग्रेडेड एफ-16 से लैस 20 फाइटर स्क्वैड्रन्स हैं। इसके अलावा उसके पास चीन से मिले J-17 भी बड़ी संख्या में हैं जबकि चीन के पास 1,700 फाइटर है, जिनमें 800 4-जेनरेशन फाइटर भी शामिल हैं।
‘डिफेंस को लेकर विशेष सहयोग’
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और रूस के बीच खासकर डिफेंस को लेकर विशेष सहयोग है। उन्होंने कहा कि उपप्रधानमंत्री युरी से हुई चर्चा से पूरी तरह से संतुष्ट हैं। 9 मई को होने वाले जश्न को कोरोना वायरस के चलते पोस्टपोन कर दिया गया था और अब बुधवार, 24 जून को मनाया जाएगा। इस साल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कार्यक्रम के लिए न्योता मिला था लेकिन उनकी जगह सिंह पहुंचे हैं।
अहम है दौरा
भारत की तीनों सेनाएं भी परेड में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगी। राजनाथ सिंह की यात्रा बेहद महत्वपूर्ण बताई जा रही है। सिंह अपनी यात्रा के दौरान एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली उपलब्ध कराने तथा द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करने के तौर-तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं। वह मंगलवार शाम को मॉस्को पहुंचे हैं। वहीं, डिफेंस सेक्रटरी डॉ. अजय कुमार ने रूस के डेप्युटी डिफेंस मिनिस्टर कर्नल जनरल एवी फॉमिन से मुलाकात की ।इससे पहले तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की वर्चुअल बैठक की शुरुआत में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने डॉक्टर कोटनिस की याद दिलाकर चीन को संदेश देने की कोशिश की थी।