भारत भले ही अपने पड़ोसियों से परेशान है। लेकिन दुनिया भर में भारत की साख में केाई कमी नहीं आई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनावों में भारत को निर्विरोध अस्थाई सदस्य चुन लिया गया है। भारत 8वीं बार यूएनएससी का अस्थाई सदस्य बना है। उधर भारत के सुरक्षा परिषद में चुने जाने से पाकिस्तान हैरान और परेशान है।
नई दिल्लीः भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनावों में निर्विरोध अस्थाई सदस्य चुन लिया गया है। अब भारत 2021-22 के लिए इस सर्वोच्च संस्था का अस्थायी सदस्य बन गया है। बता दें कि यह 8 वीं बार है जब भारत यूएनएससी के अस्थाई सदस्य लिए चुना गया है। भारत को इस चुनाव में 192 में से 184 वोट मिले। रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 से संबंधित पाबंदियों के कारण संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मतदान के विशेष इंतजाम किए गए थे। भारत का अस्थायी सदस्य के तौर पर 15 देशों की सुरक्षा परिषद में शामिल होना लगभग तय था। भारत 2021-22 कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी से अस्थायी सदस्य रहेगा। भारत की जीत इसलिए भी तय मानी जा रही थी क्योंकि वह समूह की इस इकलौती सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार था।
कामयाबी से पाकिस्तान बौखलाया
वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, भारत हमेशा इस मंच से उठाए जाने वाले प्रस्तावों को खारिज करता रहा है, खासकर कश्मीर जैसे मुद्दों को। कश्मीरियों को उनके हक नहीं दिए गए और उनका दमन जारी है। कुरैशी ने कहा, भारत के अस्थाई सदस्य बनने से कोई आसमान नहीं फट पड़ेगा। पाकिस्तान भी सात बार अस्थाई सदस्य रह चुका है। बता दें कि 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र आमसभा में असेंबली के 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष, सुरक्षा परिषद के पांच अस्थायी सदस्यों और आर्थिक व सामाजिक परिषद के सदस्यों का चुनाव किया जाना है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, परिषद में भारत की मौजूदगी से ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के उसके लोकाचार को दुनिया तक लाने में मदद मिलेगी। संयुक्त राष्ट्र को समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने और विश्वसनीय बने रहने के लिए बदलने की जरूरत है।
अमेरिका ने किया गर्मजोशी से स्वागत
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के अस्थायी सदस्य चुने जाने पर गर्मजोशी से स्वागत किया है। अमेरिका ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की जीत पर हम उन्हें बधाई देते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के मुद्दों पर एक साथ काम करने के लिए तत्पर हैं।