चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ भले ही अभी गुजरात के तट पर ना पहुंचा हो लेकिन इसने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। तेज हवाओं और पेड़ गिरने के कारण तीन लोगों को मौत हो चुकी है। खराब मौसम के कारण रेलवे ने 95 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। प्रशासन की ओर से लोगों को तटीय इलाकों में ना जाने की चेतावनी दी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस मामले में पूरी नजर रख रहे हैं। दिल्ली में हाईलेवल मीटिंग के बाद उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बात कर उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
स्कूल-कॉलेज बंद
बिपरजॉय का असर तटीय इलाकों में अभी से दिखने लगा है। कच्छ जिले के तटीय इलाके में धारा-144 लगा दी गई है। वहीं सभी स्कूल और कॉलेज को भी 15 जून तक बंद कर दिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से जामनगर, राजकोट, जूनागढ़, कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर और मोरबी सहित सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय क्षेत्रों से लोगों को निकालने का निर्देश दिया है।
सेना भी अलर्ट
चक्रवाती तूफान के चलते एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को भी अलर्ट कर दिया गया है। इसके अलावा सेना और नौसेना के अलावा तटरक्षक बलों को भी अलर्ट किया गया है। तूफान के कारण प्रभावित इलाके के लोगों की मदद के लिए आवास से लेकर उनके खाने और दवाई की भई व्यवस्था की गई है।
गुजरात में दिखेगा सबसे ज्यादा असर
बिपरजॉय का सबसे ज्यादा असर गुजराज में देखने को मिलेगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ है। 15 जून की शाम तक गुजरात के मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच से सौराष्ट्र और कच्छ को पार करने का अनुमान है। आईएमडी ने कच्छ से लेकर मुंबई तक अलर्ट घोषित किया है।
रेलवे में रद्द की कई ट्रेनें
पश्चिम रेलवे ने गुजरात से होकर गुजरने वाली करीब 67 ट्रेनों को भी चक्रवाती तूफान की वजह से रद्द करने का फैसला किया है। पश्चिम रेलवे ने तटीय गुजरात की तरफ जाने वाली अपनी 56 ट्रेनों को उनके गंतव्य से पहले ही समाप्त कर दिया। 13 जून से 15 जून के बीच करीब 95 ट्रेनों को रद्द करने का प्रस्ताव दिया जा रहा है।