हौसला: पहाड़ों को चीर कर चीन सीमा पर सड़क बना रही है भारतीय सेना

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एलएसी पर चीन के साथ विवाद के बीच भारतीय सेना अपने मिशन में जुटी है। भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख सहित उत्तराखंड के लिपुलेख में सड़कों का निर्माण कर रही है। सरकारी सूत्रों के अनुसार 8 पुल सहित इन सड़कों का निर्माण कार्य इस साल के अंत तक पूरा करने का प्लान बनाया गया है। सामरिक दृष्टिकोण से सड़कें काफी महत्वपूर्ण है। इन सड़कों के निर्माण से चीन खासा परेशान है।

नई दिल्लीः जहां एक ओर पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच एलएसी पर विवाद जारी है। वहीं दूसरी ओर भारत ने सीमा पर सड़क निर्माण का कार्य जारी रखा है। बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (ठत्व्) को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक 255 किलोमीटर लंबे इस सड़क का निर्माण संपन्न कर लिया जाएगा। बता दें कि दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी सड़क में कुल 8 पुल बनने हैं। इस सड़क के बन जाने से लेह और दौलत बेग ओल्डी के बीच की दूरी महज 6 घंटे में पूरी हो सकती है। सरकारी सूत्रों की माने तो 8 पुल सहित इस सड़क का निर्माण कार्य इस साल के अंत तक पूरा कर लेने के लिए प्लान बनाया जा रहा है। इसके लिए लेह में आठ जगहों पर झारखंड से मजदूर पहुंच चुके हैं। उनकी सही तरीके से स्क्रीनिंग की गई है। उन्होंने बताया कि पहाड़ी इलाकों में काम करने के लिए झारखंड के मजदूरों को दिक्कतें नहीं होती हैं। वह आसानी से इस माहौल में ढल जाते हैं।

  • हाइलाइट्स
  • साल के अंत तक 255 किलोमीटर लंबे इस सड़क का निर्माण संपन्न कर लिया जाएगा
  • सड़क निर्माण के लिए लेह में 8 जगहों पर झारखंड से मजदूर पहुंच चुके हैं
  • मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद सड़क निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है

इस सड़क का निर्माण करीब दो दशक से जारी है। 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उत्तरी सेना के कमांडर, सीमा सड़क संगठन के परियोजना प्रमुख इंजीनियर और 81 ब्रिगेड के कमांडर पिछले कई वर्षों में समन्वय बिठाकर यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि इसे जल्द पूरा कर लिया जाए।

श्योक नदी के पार के क्षेत्र के साथ गैलवान क्षेत्र में पैट्रोलिंग पॉइंट 14 को जोड़ने वाला पुल भी इस सड़क से जुड़ा हुआ है। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ कई बिंदुओं पर गतिरोध बना हुआ है। चीन की सेना ने अपनी भारी तोपखाने और बख्तरबंद रेजिमेंटों के साथ 10,000 से अधिक सैनिकों को एलएसी के किनारे पर तैनात कर दिया है। इसके बाद भारत ने भी बराबर की संख्या में अपने सैनिकों की तैनाती कर दिया है। हालांकि, दोनों देशों के बीच स्थिति सामान्य करने के लिए बातचीत जारी है।

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