भारत आज 26 जनवरी को 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर कर्तव्य पथ परेड निकाली गई। इस परेड में स्वदेशी सैन्य पराक्रम और नारी शक्ति की ताकत नजर आ रही है। जहां कर्तव्य पथ पर आकाश मिसाइल, अर्जुन टैंक जैसे घातक हथियारों ने सेना के शौर्य को दिखाया, तो प्रचंड और राफेल समेत 50 विमानों की उड़ान ने सीमाओं से परे भारतीय वायु सेना की शक्ति प्रदर्शित की। इसके बाद राज्यों की झांकियों में सांस्कृतिक विविधता दिखाई दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर्तव्य पथ से राष्ट्र का नेतृत्व कर रही हैं। इस बार गणतंत्र दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी मुख्य अतिथि हैं।
मिस्र की टुकड़ी हुई शामिल
कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फत्ताह एल खारासावी के नेतृत्व में पहली बार कर्तव्य पथ पर मार्च करते हुए मिस्र के सशस्त्र बलों का संयुक्त बैंड और मार्चिंग दल शामिल हुआ। दल में 144 सैनिक शामिल रहे, जो मिस्र के सशस्त्र बलों की मुख्य शाखाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सेना की 6 टुकड़ियों ने दी सलामी
मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट, पंजाब रेजिमेंट, मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट, डोगरा रेजिमेंट, बिहार रेजिमेंट और गोरखा ब्रिगेड सहित सेना की कुल छह टुकड़ियों ने सलामी दी।
50 विमानों का फ्लाई पास्ट
फ्लाई पास्ट में भारतीय वायु सेना के 45 विमानों, भारतीय नौसेना के एक और भारतीय सेना के चार हेलिकॉप्टरों सांसों को थाम देने वाला एयर शो दिखाएं। इसमें राफेल, मिग-29, एसयू-30, सुखो ई-30 एमकेआई जगुआर, सी -130, सी -17, डोर्नियर, डकोटा, एलसी एच प्रचंड, अपाचे, सारंग और एईडब्ल्यूएंडएं सी जैसे पुराने और आधुनिक विमान/हेलीकॉप्टर कर्तव्य पथ के ऊपर, बाज, प्रचंड, तिरंगा, तंगैल, वजरंग, गरुड़, भीम, अमृत और त्रिशूल समेत कई रूपों में उड़कर आसमान में गर्जना की। राफेल लड़ाकू विमान द्वारा वर्टिकल चार्ली युद्धाभ्यास किया गया।
भारतीय वायु सेना की टुकड़ी
स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी के नेतृत्व में भारतीय वायु सेना के दल में 144 वायु सैनिक और चार अधिकारी शामिल हुए। वायु सेना की झांकी, ‘सीमाओं से परे भारतीय वायु सेना की शक्ति’ विषय पर तैयार हुई। इस झांकी में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस एमके- II, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट नेत्रा और सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट प्रदर्शित हुए। झांकी में लेजर डेजिग्नेशन उपकरण और विशेषज्ञ हथियारों के साथ लड़ाकू गियर में गरुड़ की एक टीम भी दिखाई दी।
कर्तव्य पथ पर दिखी भारतीय थल सेना की ताकत
मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल सिस्टम (एनएएमआईएस), बीएमपी-2 एसएआरएटीएच का इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल, K-9 वज्र-ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्जर गन, ब्रह्मोस मिसाइल, 10 मीटर शॉर्ट स्पैन ब्रिज, मोबाइल माइक्रोवेव नोड और मैकेनाइज्ड कॉलम में मोबाइल नेटवर्क सेंटर और आकाश (नई पीढ़ी के उपकरण) ने दिखाई सेना की ताकत।
कर्तव्य पथ पर बना इतिहास
इससे पहले कर्तव्य पथ इस बार देश ने इतिहास बनते देखा। देश में पहली बार आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने परेड की सलामी ली। परंपरा के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और उसके बाद 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान हुआ। इसके बाद परेड की शुरुआत हो गई। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी कर्तव्य पथ पर स्वा गत किया।