देहरादूनः कोरोना संकट से उपजी परिस्थितियों के बीच राज्य सरकार चारधाम यात्रा शुरू करने के मूड में है। अनलाॅक-02 में राज्य सरकार चारों धामों को श्रृद्धालुओं के लिए खोल सकती है। इसके लिए देवस्थानम बोर्ड ने चारधाम वाले सभी जिलों से एक जुलाई से यात्रा शुरू करने को लेकर रिपोर्ट मांगी है। उम्मीद है कि रिपोर्ट 28 जून तक मिल जाएगी। जिसके बाद बोर्ड की बैठक में यात्रा का स्वरूप तय किया जा सकता है। फिलहाल यात्रा को प्रदेश स्तर पर शुरू किया जायेगा।
चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष शिव प्रसाद ममगाईं ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर एक जुलाई से पूरे प्रदेश में यात्रा शुरू करने की मांग की। ममगाईं ने बताया कि सीएम ने इस पर सहमति दी है, लेकिन कहा है कि पहले सभी धामों के संबंधित पक्षों से बात की जाएगी। बताया गया कि एक जुलाई से बदरीनाथ धाम की यात्रा पूरे प्रदेश के लिए खोलने पर धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने सहमति दे दी है। उनियाल का कहना है कि पांडुकेश्वर और हनुमान चट्टी में एक गेट हो, जहां चेकअप हो और बुखार, खांसी वालों को तुरंत वापस भेजा जाए।
चारों धामों से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद बोर्ड की बैठक होगी, जिसके बाद तय किया जाएगा कि यात्रा कब से शुरू की जाए।
-रविनाथ रमन, सीईओ देवस्थानम बोर्ड
यात्रा अनलॉक-2 पर करेगी निर्भर
चार धाम यात्रा शुरू करने में सबसे बड़ी अड़चन धामों में यात्रियों के लिए व्यवस्था का है। केदारनाथ को इसके लिए तैयार नहीं बताया जा रहा है। रविनाथ रमन के मुताबिक आठ जून के बाद धामों के होटल, धर्मशाला आदि के संचालकों को मरम्मत के लिए धाम जाने की छूट दी गई थी। वहीं, दूसरी बात अनलॉक-2 की है, 30 जून तक अनलॉक-1 है। इसके बाद जारी होने वाली गाइडलाइन पर भी निर्भर करेगा कि यात्रा किस हद तक और किस स्वरूप में शुरू हो सकती है।
महापंचायत का विरोध
चार धाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के प्रवक्ता बृजेश सती और महामंत्री हरीश डिमरी का कहना है कि यात्रा तभी शुरू हो जब हालात पूरी तरह से सामान्य हो जाएं। वे एक जुलाई से यात्रा शुरू करने का विरोध करेंगे।