पौड़ी। उत्तराखंड में मैदान से लेकर पहाड़ों तक पारा चढ़ने के साथ ही जंगलों के धधकने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। इसके साथ वन विभाग द्वारा वनाग्नि रोकने को लेकर किए गए दावों की भी पोल खुल रही है।
पौड़ी शहर के आसपास के क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के जंगल वनाग्नि की चपेट में हैं। ये हाल तब है जब फायर सीजन की शुरूआत है। हालात देखर समझा जा सकता है आने वाले महीनों में वनाग्नि की घटनाएं किस तरह कहर मचा सकती हैं। हालांकि वन विभाग वनाग्नि की घटनाओं के बढ़ने का कारण सर्द मौसम में कम बारिश और बर्फबारी, जमीन में नमी न होने को मान रहा है।
उधर, वन विभाग के डीएफओ ने भी आने वाले दिनों में वनाग्नि की घटनाएं बढ़ने का अंदेशा जताया है। डीएफओ गढ़वाल वन प्रभाग स्वप्निल ने बताया कि फायर सीजन में जंगलों को वनाग्नि की घटनाओं से बचाने के लिए सख्त निर्देश वन क्षेत्राधिकारियों और वन विभाग की टीम को दिए गए हैं। इस बार 43 क्रू स्टेशन भी स्थापित किए गए हैं, जहां से वन कर्मी अपनी बीट के जंगलों पर पैनी नजर रखेंगे। जबकि वनाग्नि की घटनाओं की जानकारी वन विभाग तक आम नागरिक पहुंचा पाए इसके लिए मास्टर कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं, ताकि मौके में तत्काल पहुंचकर वन संपदा को बचाया जा सके।