आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों के लिए सुविधाएं और कनेक्टिविटी मजबूत करने के लिए पर्यटन विभाग और आईटीबीपी के बीच एमओयू किया गया। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पर्यटन विभाग को मानसखंड मंदिर माला मिशन की कार्ययोजना पर काम करने के निर्देश दिए।
केंद्र को जल्द भेजा जाएगा प्रस्ताव
सचिवालय में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को मानसखंड के मंदिरों व आदि कैलाश यात्रा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अधिकारियों के बैठक की। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को गढ़वाल एवं कुमाऊं क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए कार्य करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क, पुल निर्माण से संबंधित प्रस्ताव शीघ्र केंद्र को भेजने के निर्देश दिए।
आईटीबीपी के साथ एमओयू
पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आदि कैलाश व ओम पर्वत की यात्रा के लिए बेहतर सुविधाएं व कनेक्टिविटी मजबूत करने के लिए आईटीबीपी के साथ एमओयू किया गया। केदारनाथ व हेमकुंड साहिब में प्रस्तावित रोपवे के लिए टेंडर हो चुके हैं।
पीएमओ से की जा रही मानीटरिंग
एसीएस ने विभागों को कागजी प्रक्रियाओं को कम से कम समय में पूरा करने की नसीहत दी है। उन्होंने विभागों की ओर से योजनाओं के कार्यवृत समय पर न मिलने नाराजगी जताते हुए कहा कि योजनाओं को धरातल पर उतारने में तेजी से काम करने की जरूरत है। विभागों को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पिथौरागढ़ दौरे पर जिन योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है, उनकी मानीटरिंग पीएमओ से की जा रही है। वाईब्रेंट विलेज योजना के तहत राज्य के 51 गांव में विकास कार्यों की हर सप्ताह केंद्रीय गृह सचिव समीक्षा करेंगे। इन गांवों की अर्थव्यवस्था, आजीविका, सामाजिक संरचना, बुनियादी ढांचे, शिक्षा, बिजली और दूरसंचार सुविधाओं को मजबूत करने के लिए सभी विभागों को मिशन मोड पर कार्य करना होगा। बैठक में सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिन कुर्वे, अपर सचिव विनीत कुमार, जितेंद्र कुमार सोनकर, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट मौजूद थे।
50 हजार महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य
एसीएस ने कहा कि राज्य में रिवर्स पलायन के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में 50 हजार महिलाओं को लखपति दीदी बनाए जाने का लक्ष्य है। 2025 तक एक लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जाएगा।