रूद्रप्रयागः फर्जी डिग्री की बदौलत नौकरी पाने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं है। विभाग ने ऐसे शिक्षकों के खिलाफ जांच तेज कर दी है। उधर एसआईटी जांच के दौरान रूद्रप्रयाग जिले के 19 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये। जिस पर विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 10 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। जबकि 09 के खिलाफ अभी जांच चल रही है।
जाली प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ विभाग ने बड़े स्तर पर जांच के आदेश दिये हैं। सभी शिक्षकों से उनके शैक्षिक प्रमाण पत्र मांगे गये है। वहीं एसआईटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में गठित टीम ने भी अपनी जांच की रफ्तार तेज कर दी है। प्रदेशभर में फर्जी डिग्री से नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की सिलसिलेवार जांच हो रही है। इस दौरान रुद्रप्रयाग जिले के 19 शिक्षकों को फर्जी डिग्री के जरिये नियुक्ति पाने में दोषी पाया गया।
एसआईटी की जांच में जिले में प्राथमिक व जूनियर स्तर पर 19 शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली है। जांच कार्रवाई पूरी होने पर निदेशालय के आदेश पर दस शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। शेष नौ के विरुद्ध जांच चल रही है। – डा. विद्याशंकर चतुर्वेदी, डीईओ बेसिक, रुद्रप्रयाग
एसआईसी द्वारा फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग से सिफारिश की। जिसके बाद निदेशालय द्वारा रूद्रप्रयाग के दस शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। अन्य नौ फर्जी डिग्री धारक शिक्षकों के विरुद्ध जांच जारी है। इन सभी शिक्षकों द्वारा 1994 से 2005 के बीच बीएड की डिग्री लेने की बात कही गई है, लेकिन चैधरी चरण सिंह विवि में इन वर्षों के सत्र में इन शिक्षकों की डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। इसके आधार पर इनकी डिग्री को फर्जी माना गया है। कुछ शिक्षकों द्वारा अपना दावा पेश करने के दौरान एसआईटी व विभागीय जांच को प्रभावित करने का प्रयास भी किया गया था।