कुमाऊं के जंगलों में लगी आग ने दावानल की घटनाओं के सारे रिकॉर्ड धवस्त कर दिए हैं। इस बात की तस्दीक मंगलवार हुई वनाग्नि की घटनाओं ने की है। मंगलवार को एक ही दिन में आग की घटनाओं ने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। मैदान से पहाड़ तक लाल लपटों की वजह से 101 हेक्टेयर जंगल राख हो गया। जबकि गढ़वाल में स्थिति नियंत्रण में नजर आई। यहां आग के पांच मामलों में साढ़े सात हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आया।
कुमाऊं में 775 हेक्टेयर वन संपदा खाक
दूसरी तरफ कुमाऊं में लगातार बढ़ रही घटनाओं ने सिस्टम की तैयारियों और दावों की हकीकत भी बता दी है। अपर प्रमुख वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को कुमाऊं से जुड़ी भूमि संरक्षण रानीखेत, अल्मोड़ा डिवीजन, सिविल सोयम अल्मोड़ा, बागेश्वर डिवीजन, पिथौरागढ़ वन प्रभाग, तराई पूर्वी और रामनगर डिवीजन के जंगल में आग लगी। पर्वतीय क्षेत्र में नुकसान ज्यादा हुआ। वहीं, एक नवंबर 2024 से सात मई तक के आंकड़ों पर नजर डाले तो गढ़वाल में अब तक 440.755 हेक्टेयर, कुमाऊं में 775 हेक्टेयर और वन्यजीव आरक्षित क्षेत्र में 99.53 हेक्टेयर जंगल अब तक झुलस चुका है।
आग जलाने पर पांच हजार का चालान
बढ़ती घटनाओं को लेकर खुले में आग जलाने को लेकर अब चेकिंग अभियान चल रहा है। सफाई निरीक्षक अमोल असवाल ने बताया कि तीनपानी में जनता टायर नाम के प्रतिष्ठान का मंगलवार को पांच हजार का चालान किया गया। कर्मचारी बाहर कपड़े को जला रहा था।