नई दिल्लीः आजाद कश्मीर का राग अलापने वाला पाकिस्तान अब गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तानी प्रांत का दर्जा देने की मंशा पाले हुए है। पाकिस्तान ने इस बावत ऐलान किया है कि गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराए जाएंगे। पीओके को लेकर पाकिस्तान की इस इस नापाक साजिश को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के गिलगित प्लान के पीछे पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा का हाथ है।
बुलाई थी गुप्त बैठक
पाकिस्तानी के चर्चित पत्रकार रऊफा क्लासरा के मुताबिक पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने गिलगित को लेकर पिछले दिनों देश की सभी बड़ी पार्टियों के नेताओं को सेना मुख्यालय रावलपिंडी में आयोजित दावत में बुलाया था। इसमें नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ, आसिफ अली जरदारी के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी समेत पाकिस्तानी सियासत के कई दिग्गज नेता शामिल हुए थे। इस दौरान आईएसआई के प्रमुख भी मौजूद थे।
बिलावल से भिड़े बाजवा
क्लासरा के मुताबिक लोकतंत्र का दावा करने वाले पाकिस्तानी नेताओं को सेना प्रमुख ने तलब किया और इसमें शामिल होने वाले किसी नेता ने इस बैठक के बारे में सार्वजनिक रूप से चुप्पी साधे रखी। इस दौरान बाजवाने गिलगित को प्रांत बनाए जाने के मुद्दे पर चर्चा की लेकिन उसी दौरान उनकी बिलावल और शाहबाज शरीफ से बहस हो गई। बाजवा ने कहा कि पीओके पर भारत की कार्रवाई का डर है और चीन इस इलाके में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है। ऐसे में हम गिलगित को एक नया प्रांत बनाना चाहते हैं। पाकिस्तानी सेना प्रमुख चाहते थे कि गिलगित को प्रांत बनाने के लिए राजनीतिक दल उनका समर्थन करें। इसी दौरान बिलावल ने राजनीतिक मामले में सेना के हस्तक्षेप का मुद्दा उठा दिया। बिलावल भुट्टों ने कहा कि इसी तरह के हालात वर्ष 1971 में थे और उस समय भी सेना राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही थी। उन्होंने बलूचिस्तान का मुद्दा और आईएसआई के राजनीतिक हस्तक्षेप और इमरान खान को सेना के खुलकर समर्थन का उदाहरण दिया।
बांग्लादेश युद्ध भड़के बाजवा
बिलावल के 1971 के बांग्लादेश युद्ध का जिक्र करते ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख भड़क उठे। बाजवा ने कहा कि सेना से मिलने के लिए आप जैसे नेता ही आते हैं। हम आपके पास नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि यह आपका आपसी झगड़े हैं, हमारा उससे लेना-देना नहीं है। हमने गिलगित जैसे राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे के लिए बुलाया है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख से डांट पड़ने के बाद बिलावल और शाहबाज शरीफ ने चुप्पी साध ली। बता दें कि पाकिस्तान ने कुछ हफ्ते पहले अपना नया नक्शा जारी किया था। इसमें उसने भारत के साथ विवादित क्षेत्रों को सीधे-सीधे अपना बता डाला था।
गिलगित को प्रांत बनाना चाहता है पाक
अब पाकिस्तान ने नया पैंतरा खेलते हुए फैसला किया है कि गिलगित-बल्टिस्तान को प्रांत का दर्जा दिया जाएगा और चुनाव भी कराए जाएंगे। यह सबकुछ पाक सेना प्रमुख के इशारे पर इमरान सरकार ने किया है। वहीं, भारत ने इसे लेकर अपना रुख साफ कर रखा है कि गिलगित-बल्टिस्तान समेत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का क्षेत्र उसके अंतर्गत आता है और पाकिस्तान वहां चुनाव नहीं करा सकता। उधर, पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान जल्द ही क्षेत्र का दौरा करेंगे और औपचारिक ऐलान करेंगे। क्षेत्र को नैशनल असेंबली और सीनेट समेत हर संवैधानिक निकाय में पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
भारत ने किया था विरोध
भारत ने मई में पाकिस्तान को दो-टूक कहा था कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में गिलगित-बल्टिस्तान समेत पूरा इलाका पाकिस्तान या उसकी न्यायपालिका के पास ऐसे क्षेत्रों में अधिकार नहीं हैं जो उसने जबरन अवैध तरीके से कब्जाए हैं। भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में कोई बदलाव करने की कोशिश नहीं करने की चेतावनी दी थी और कहा था कि अवैध कब्जा फौरन छोड़ दे। भारत ने इन इलाकों में चुनाव नहीं कराने की चेतावनी भी दी थी।