कोटद्वार। उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में शुक्रवार को अपर जिला सत्र न्यायालय कोटद्वार में सुनवाई हुई। अंकिता भंडारी किस संचार कंपनी का सिम इस्तेमाल कर रही थी और वो किसके नाम पर था, इसको लेकर कोर्ट में जिरह हुई। दूरसंचार कंपनी के नोडल अधिकारी विशाल शर्मा के एक माह में दूसरी बार कोर्ट में बयान दर्ज कराए है।
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील अनुज पुंडरी ने नोडल अधिकारी विशाल शर्मा से कई सवाल पूछे। इस दौरान पता चला कि अंकिता भंडारी जिस सिम का प्रयोग कर रही थी, वो नीरु रावत के नाम पर था। नीरु रावत ने कोर्ट को बताया कि अंकिता की मां सोनी देवी उसकी पड़ोसी है।
नीरु रावत ने कोर्ट में जो बयान दिए उसके मुताबिक सोनी देवी का आधार बायोमेट्रिक न कारण उन्होंने सिम नहीं मिल पा रहा था, इसीलिए उन्होंने नीरु रावत के नाम पर सिम कार्ड लिया था। सोनी देवी उनकी पड़ोसी है। कोर्ट ने दोनों के बयान दर्ज कर लिए है। अब इस मामले की अगली सुनवाई तीन मई को होगी। डीजीसी प्रदीप भट्ट ने बताया कि तीन मई को ही अंकिता भंडारी हत्याकांड में अन्य दो गवाहों के बयान दर्ज किए जाएगे।
बता दें कि यमकेश्वर विकासखंड के श्रीकोट गांव की रहने वाली 22 साल की अंकित भंडारी राजस्व क्षेत्र के गंगा भोगपुर में स्थिन वनंत्रा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी, जो 18 सितंबर 2022 को अचानक लापता हो गई थी, जिसकी लाश करीब पांच दिन बाद 24 सितंबर को ऋषिकेश के पास चीला नहर में मिली थी।
आरोप है कि रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, अंकिता से कुछ गलत काम करना चाहता था, जिसके लिए अंकिता से साफ इंकार कर दिया था। इसीलिए वो नौकरी भी छोड़ने जा रही थी, जिस वजह से पुलकित और अंकिता के बीच बहस भी हुई थी। पुलकित को डर था कि अंकिता नौकरी छोड़ने के बाद उसका भंडाफोड़ देगी, इसी डर से पुलकित आर्य ने रिजॉर्ट के दो कर्मचारियों अंकिता गुप्ता और सौरभ भास्कर के साथ मिलकर अंकिता की हत्या करा दी। तीन आरोपी इस वक्त जेल में बंद है। मामले का ट्रायल अपर जिला सत्र न्यायालय कोटद्वार में चल रहा है।