नई दिल्लीः हिमालय दिवस पर देश की अनेक हस्तियों ने हिमालय का महत्त्व बताते हुए उसकी रक्षा का आह्वान किया। इस उपलक्ष्य में आयोजित वेबिनार में उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने कहा कि हिमालय हमारे अतीत, वर्तमान और भविष्य से जुड़ा है। इसकी रक्षा के लिए सभी को आगे आना होगा। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक की पुस्तक ’संसद में हिमालय’ का उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने विमोचन किया।
हिमालय हमारा रक्षकः उप राष्ट्रपति
वेबिनार में वेंकैया नायडू ने कहा कि हिमालय हमारा रक्षक है। वह हमें पानी, बिजली देता है। वह हमारे पर्यावरण का मजबूत स्तंभ है। मानसून की बारिश हिमालय के कारण होती है। उसका हमारे देश में धार्मिक-अध्यात्मिक महत्त्व किसी से छिपा नहीं है। हिमालय हमारी आर्थिकी का आधार है। देश-दुनिया के पर्यटक वहां घूमने जाते हैं। साहसिक खेलों के मामले में हिमालय का बड़ा महत्त्व है। यह भारतीय परंपरा की अमूल्य धरोहर है। यह हमारा गौरव है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हिमालय हमें इतना कुछ देता है तो उसकी रक्षा करना भी हमारा पर दायित्व है। हमें हिमालय में होते प्रदूषण पर चिंता जतानी होगी। इसका निराकरण करना होगा। पर्यटकों को इसके प्रति जागरूक करना होगा। हम प्रकृति की रक्षा करेंगे तो प्रकृति हमारी रक्षा करेगी। आज प्रकृति को नुकसान पहुंचाए जाने के कारण विश्वभर में अनेक समस्याएं पैदा हो गई हैं। हमें इस ओर गंभीरता से चिंतन करना होगा और इस समस्या के निस्तारण के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि हिमालय पर लिखी डाॅ. निशंक की पुस्तक निश्चित रूप से हिमालय का परिचय कराने के साथ ही उसकी समस्याओं के निस्तारण के मार्ग भी सुझाएगी, ऐसा मुझे विश्वास है।
उप राष्ट्रपति को भेंट की पुस्तक
इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को अवनी पुस्तक ’संसद में हिमालय’ भेंट की। डाॅ. निशंक ने कहा कि हिमालय भारत की विशिष्ट पहचान है। यह हमारा रक्षक और ताज है। पूरे देश में सांस्कृतिक दृष्टि से तो इसका बहुत बड़ा महत्त्व है। यहां की जैवविविधता भी महत्त्वपूर्ण है। हिमालयी क्षेत्र के रीति-रिवाज, खान-पान पूरे देश के लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं। यहां की अनूठी संस्कृति देश-दुनिया के लोगों को आकर्षित करती है।
हिमालय बचेगा तो हम बचेंगे
डाॅ. निशंक ने कहा कि प्रकृति के सबसे सुंदरतम रूप हिमालय के प्रति हम सभी लोगों को गंभीर होना होगा। यह हमारी चिंता के कंेद्र में होना चाहिए। हम हिमालय क्षेत्र के अनेक सांसद पिछले पांच-छह वर्षों से इस संबंध में बैठकर चिंता और चिंतन कर रहे हैं। आगे हम इस पर और गंभीर प्रयास करेंगे।केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि सीमेंट का अंधाधुंध इस्तेमाल पहाड़ के लिए खतरनाक है। इस पर अंकुश लगाना होगा। कार्यक्रम में चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पीएमओ अजीत कुमार डोवाल, राज्यमंत्री एमओएस जितेंद्र सिंह, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, सचिव भारत सरकार रेणू स्वरूप, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि महाराज आदि उपस्थित थे।