इगास: मैदान में पहाड़ी दिवाली की धूम, नज़र आई ठेठ पहाड़ी परम्परा और संस्कृति

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देहरादून: पहाड़ में मनाई जाने वाली इगास मैदानी क्षेत्रों में जोर-शोर से मनाई गई। दीपावली के 11वें दिन मनाई जाने वाली इगास यानी बूढ़ी दिवाली देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी सहित कई मैदानी क्षेत्रों में जमकर मनाई गई। इस पर्वतीय पर्व पर लोगों ने पहाड़ी व्यंजन बनाये और भैलू जला कर पराम्परिक नृत्य भी किया। राज्य के कई क्षेत्रों में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा युवाओं को पहाड़ी संस्कृति व परम्पराओं के प्रति जागरूक करने के लिए इगास पर्व मनाया गया।

पहाड़ों में भी इगाज की खूब धूम रही। ठेठ पारम्परिक त्योहार पर लोगों ने लक्ष्मी पूजन किया। इगास पर लोगों ने जहां स्वादिष्ट और लजीज़ व्यंजन बनाये। वहीं मवेशियों के लिए झंगोरा का पींडू बनाया। गायों की पूजा कर उन्हें तिलक लगाकर पौष्टिक आहार खिलाया गया। इसके बाद लोगों ने पारम्परिक नृत्य और भैलों खेला।

आप ने मनाई इगास
प्रदेश की नई नवेली राजनीतिक पार्टी ‘आप’ ने उत्तराखंड के पौराणिक त्योहार इगास को पूरे प्रदेश में धूम धाम से मनाया। पहाड़ों में जहां पार्टी कार्यकर्ताओं ने गांवों और घरों में दीपक जलाया। वहीं राजधानी देहरादून में भी आप कार्यकर्ताओं ने अजबपुर में एकत्रित होकर इगाज को धूम-धाम मनाया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सैकड़ों दीप जलाये और पहाड़ी गीतों पर जमकर झूमे। आम आदमी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता उमा सिसोदिया ने बताया कि इगास कार्यक्रम में आप के सभी कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि अगले साल 2021 तक उनका प्रयास रहेगा कि पहाड़ों में खाली पड़े सभी गांवों में दिए जले।

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