अंतर्राष्ट्रीयः संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्‍तानी पर भड़का भारत, ’आतंकिस्तान’ की उडाई धज्जियां

0
  • पाकिस्तान पर भारत की ओर से निशाना साधा गया
  • संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद पर भारत ने हमला बोला
  • भारत ने कहा कि कुछ देश आतंकवाद को समर्थन देते हैं

न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र में भारत ने आतंकवाद को लेकर एक बार फिर पाकिस्तान को सुनाया है। यूएन में भारत के प्रतिनिधि ने गुरुवार को कहा, ‘आतंकवाद दुनिया की शांति के लिए खतरा है। आतंकवाद पूरी दुनिया की सुरक्षा पर बड़ा खतरा है। क्रॉस बॉर्डर नेटवर्क भी इनमें से एक हैं। आतंकियों ने टेक्नोलॉजी से अपनी ताकत बढ़ा ली है। वह आज के समय ड्रोन से लैस हो चुके हैं। आतंकवाद से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से हराया जा सकता है, जो कि राजनीतिक बंटवारे के कारण भ्रामक बना हुआ है।

भारत की ओर से आगे कहा गया कि आतंकवाद से कैसे लड़ा जाए इस पर दुनिया अभी एकमत नहीं हो सकी है। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा, ‘आतंकवाद पर दुनिया 9/11 के हमलों के बाद जागी है। नवंबर 1996 में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक सम्मेलन के पहले मसौदे को प्रसारित करने की पहल की। इसे लगभग 30 वर्ष होने वाले हैं पर सहमति नहीं बनी है।’ भारत ने आगे पाकिस्तान की ओर से भेजे जाने वाले आतंकवाद का भी जिक्र किया।

https://x.com/sidhant/status/

पाकिस्तान को जमकर सुनाया
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा, ‘दुनिया ने जब आतंकवाद को गंभीरता से नहीं लिया था तब से भारत सीमा पार आतंकवाद का सामना कर रहा है। पिछले तीन दशक में भारत के हजारों लोग मारे गए हैं। 2008 का मुंबई आतंकी हमला, 2016 का पठानकोट एयरबेस हमला और 2019 में पुलवामा में आत्मघाती हमला इनमें से एक है। भारत जीरो टॉलरेंस दिखाते हुए आतंकवाद से लड़ेगा। किस्तान का नाम लिए बिना भारत ने उसे जमकर सुनाया। प्रतिनिधि ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हममें से कुछ संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित होकर आतंकवाद को उचित ठहराने की कोशिश करते हैं। ऐसे देशों के कारण आतंकवाद से लड़ने का संकल्प ध्वस्त हो जाता है।

खुद को पीड़ित दिखाता है पाकिस्तान
उन्होंने आगे कहा, ‘ऐसे देशों के कारण 15 साल बाद भी 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड आज भी सरकारी सुविधाओं के साथ इन देशों में घूमते हैं। ऐसे देश सिर्फ आतंकवाद को उचित ही नहीं ठहराते,बल्कि इनकी सरकारें और एजेंसियां इसे अपनी स्टेट पॉलिसी बना लेती हैं। अपने कुख्यात एजेंडे से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे देश खुद को आतंकवाद पीड़ित के रूप में पेश करते हैं। संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैसे लश्कर ए तैयबा, जैश ये मोहम्मद भारत की जमीन पर हमले करते रहे हैं। मजबूत कानूनी ढांचा स्थापित करने की जरूरत है।

Previous articleबातचीतः पीएम मोदी ने की इजरायली पीएम नेतन्याहू से बात, आंतकवाद पर साधा निशाना
Next articleबड़ी ख़बरः अशासकीय विद्यालयों के राजकीयकरण का खुला रास्ता, शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत का ऐलान प्रबंधन समिति दे प्रस्ताव, करेंगे कार्रवाई

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here