हरिद्वार: कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस बार हरिद्वार में श्रद्धालु गंगा स्नान नहीं कर पायेंगे। स्थानीय प्रशासन ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते हरकी पैड़ी समेत सभी गंगा घाटों पर गंगा स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया है। यदि कोई प्रशासन के आदेश के विपरीत गंगा स्नान करता है तो उसने खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
कोरोना बना खतरा
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा घाटों पर उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए इस बार स्थानीय प्रशासन ने गंगा घाटों से लेकर हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान स्थगित कर दिया है। मालूम हो कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के लिए हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। जिन से हरिद्वार में कोरोना फैलने का खतरा बना हुआ है। इतना ही नहीं हरिद्वार में पहले से ही कोरोना के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन किसी भी तरह का खतरा मोल नहीं लेना चाहता है।
पूर्व में भी स्थगित हुआ गंगा स्नान
कोरोना संक्रमण के प्रसार को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने इससे पहले सोमवती अमावस्या के स्नान को स्थगित किया था। हालांकि तब आदेश को प्रभावी बनाने के लिए राज्य की सीमाओं को सील किया गया था, लेकिन इस बार राज्य की सीमाएं आवागमन के लिए खुली रहेगी। उत्तराखंड के इतर अन्य राज्यों में कोरोना संक्रमण में तेजी को देखते हुए स्थानीय प्रशासन नहीं चाहता है कि बाहरी प्रदेश से आने वाले श्रद्धालुओं से धर्मनगरी के लोगों के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल असर पड़े।
पुलिस के सामने चुनौती
पहले जब स्थानीय प्रशासन ने सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान स्थगित किया था तब परिस्थितियां अलग थी। उस दौरान अनलॉक की प्रक्रिया के चलते प्रशासन ने राज्य की सीमाओं को पूरी तरह सील किया था, लेकिन अब राज्य की सीमाएं पूरी तरह खुली हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं को गंगा घाटों पर आने से रोकना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। यह तीसरी बार है जब कार्तिक पूर्णिमा स्नान स्थगित किया गया है।