लेटलतीफीः बीआरपी-सीआरपी भर्ती में देरी पर उखड़े विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत

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  • बीआरपी-सीआरपी भर्ती में देरी पर विभागीय मंत्री ने जताई नाराजगी
  • उच्च स्तरीय बैठक में चर्चा के बाद अधिकारियों को दिये शीघ्र भर्ती के निर्देश
  • कहा, आपसी समन्वय स्थापित कर दूर करें प्रयाग पोर्टल से जुड़ी विसंगतियां

देहरादून: समग्र शिक्षा के अंतर्गत लम्बे समय से लटकी सीआरपी-बीआरपी भर्ती पर विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाते हुये भर्ती प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों को शीघ्र दूर करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग से समन्वय स्थापित कर प्रयाग पोर्टल में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों का शीघ्र निस्तारण करायें ताकि शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा सके।

विद्यालयी शिक्षा विभाग में शैक्षणिक गतिविधियों के सुधार के लिये समग्र शिक्षा के तहत ब्लॉक स्तर पर ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) के कुल 285 पदों तथा संकुल स्तर पर संकुल रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) के 670 रिक्त पदों पर कार्मिकों की तैनाती न होने पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को आड़े हाथ लिया। उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही लेटलतीफी पर कड़ी नाराजगी जताते हुये लम्बित प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा।

उन्होंने विगत सोमवार को सचिवालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक का हवाला देते हुये बताया कि प्रयाग पोर्टल के माध्मय से सीआरपी-बीआरपी के कुल 955 रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि प्रयाग पोर्टल की आ रही व्यवहारिक दिक्कतों को लेकर स्वयं कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग संबंधित शासनादेश में आंशिक संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में प्रस्तुत करेगा ताकि पोर्टल के माध्यम से होने वाली सभी आउटसोर्स भर्ती में आ रही व्यवहारिक अड़चनों को दूर किया जा सके।

डॉ. रावत ने बताया कि प्रायग पोर्टल पर प्रदेश के हजारों छात्र-छात्राओं ने सीआरपी-बीआरपी के लिये अपना पंजीकरण कराया है, पोर्टल की विसंगतियां दूर होते ही एक माह के भीतर सीआरपी-बीआरपी के रिक्त पदों के सापेक्ष चयनित आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से युवाओं को मेरिट के आधार पर तैनाती दी जायेगी।

उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इसके लिये अन्य सभी तैयारियां पुख्ता रखने के निर्देश दे दिये हैं। डा. रावत ने बताया कि बीआरपी-सीआरपी की नियुक्ति से विद्यालयों में अनुश्रवण कार्यों में तेजी आयेगी साथ ही बीआरपी-सीआरपी की जिम्मेदारी से सैकड़ों शिक्षकों को भी मुक्त किया जा सकेगा, जिससे विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।

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