देहरादून। पटवारी लेखपाल पेपर लीक कांड में बड़ा फैसला लिया गया है। अब पेपर खरीदने वालों पर गाज गिरी है। दरअसल लेखपाल बनने के लिए लीक प्रश्न पत्र खरीदने वाले दागी अभ्यर्थी अब कभी राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा नहीं दे पाएंगे।
बता दें कि 12 फरवरी को होने वाली लेखपाल भर्ती से पहले एसआइटी अभी तक सत्यापित हो चुके 31 अभ्यर्थियों की सूची राज्य लोक सेवा आयोग को भेजेगी। फिलहाल इन अभ्यर्थियों को तीन साल के लिए डी बार किया जाएगा। चार्जशीट में नाम आने के बाद इन्हें हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
पेपर लीक होने के बाद आयोग अब 12 फरवरी को दोबारा परीक्षा कराने जा रहा है। एसआइटी की जांच में चिह्नित हुए 31 अभ्यर्थी दोबारा इस परीक्षा में शामिल न हो पाएं, इसकी तैयारी एसआइटी और आयोग ने पहले से कर ली है। एसआइटी प्रभारी रेखा यादव ने बताया कि चिह्नित हो चुके इन अभ्यर्थियों के नाम जल्द ही राज्य लोक सेवा आयोग को भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि लेखपाल परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिए आरोपित चाचा-भतीजे से एसआइटी ने पूछताछ की और अलग-अलग जगहों पर ले जाकर खेल में शामिल अन्य आरोपितों की जानकारी जुटाई।
लेखपाल परीक्षा पेपर लीक कांड में राज्य लोक सेवा आयोग का अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी पत्नी रितु सहित जेल में बंद है। छह अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। संजीव चतुर्वेदी को सस्पेंड किया जा चुका है और उसकी नौकरी पर तलवार लटक गई है। आरोपितों के साथ ही रुपये लेकर प्रश्न पत्र खरीदने वाले अभ्यर्थियों को भी इसका खामियाजा चुकाना पड़ेगा। जिसकी शुरुआत हो चुकी है।