देहरादून। उच्च शिक्षा विभाग की तर्ज पर अब प्रदेश के राजकीय मेडिकल शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्रों के शैक्षिक प्रमाण पत्र डीजी लॉकर पर उपलब्ध रहेंगे। उत्तराखंड मेडिकल विश्वविद्यालय प्रशासन को इस संबंध में शीघ्र डीजी लॉकर की स्थापना के निर्देश दे दिये गये हैं। सूबे की सभी राजकीय चिकित्सा इकाईयां एक रंग में नजर आयेंगी, इसके लिये विभागीय अधिकारियों को एक कलर कोड निर्धारित करने को कहा गया है। वहीं स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का अलग कैडर तैयार करने को शीघ्र कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जायेगा।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने यमुना कलोनी स्थित शासकीय आवास में विभागीय समीक्षा बैठक ली। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग की भांति अब राजकीय मेडिकल शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को भी शैक्षिक प्रमाण पत्र डीजी लॉकर के माध्यम से मिलेंगे, ताकि मेडिकल छात्र अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र जरूरत के अनुसार कभी भी डाउनलोड कर सके। इस संबंध में उत्तराखंड मेडिकल विश्वविद्यालय प्रशासन को शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दे दिये गये हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा का डिजिटलीकरण करते हुये राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं नर्सिंग कॉलेजों को ई-ग्रंथालय पोर्टल से जोड़ा जायेगा, ताकि मेडिकल के छात्र-छात्राओं को किताबों की कमी से न जूझना पड़े। उन्होंने बताया कि ई-ग्रंथालय पोर्टल पर छात्र-छात्राओं को कोर्स बुक के साथ-साथ विभिन्न मेडिकल संबंधी विषयों के रिसर्च पेपर भी ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। साथ ही छात्रों को देश-विदेश के मेडिकल कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के पुस्तकालयों से भी जुडने का अवसर मिलेगा। डा. रावत ने बताया कि सूबे में नये नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के लिये विभागीय अधिकारियों को शीघ्र भूमि चयन करने एवं मेडिकल कॉलेजों में चल रहे निर्माण कार्यों में तेजी लाने को कहा गया है। विभागीय मंत्री ने बताया कि सूबे के समस्त राजकीय चिकित्सालयों में एक कलर कोड लागू किया जायेगा ताकि सभी चिकित्सा इकाईयों में एकरूपता देखने को मिल सके। इसके साथ ही सभी राजकीय चिकित्सा इकाईयों एवं मेडिकल कॉलेजों में रोगी पंजीकरण शुल्क की दर एक समान की जायेगी, इसके लिये विभागीय अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र शासन को भेजने के निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि सूबे में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने के दृष्टिगत विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिये अलग से कैडर तैयार किया जायेगा, जिसका प्रस्ताव आगामी कैबिनेट में रखा जायेगा। बैठक में नर्सिंग स्टॉफ की वर्षवार भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने, एनएचएम के तहत जनपदों में रिक्त पदों को शीघ्र भरने, राजकीय मेडिकल कॉलेजों से स्वास्थ्य विभाग को वापस किये गये कार्मिकों के शीघ्र समायोजन करने, क्रिटिकल यूनिट हेतु भूमि चयन व निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये गये हैं।
इस अवसर पर सचिव स्वास्थ्य आर. राजेश कुमार, अपर सचिव अरूणेन्द्र सिंह चौहान, अमनदीप कौर, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, प्रभारी महानिदेशक डा. भारती राणा, निदेशक एनएचएम डा. सरोज नैथानी, निदेशक स्वास्थ्य डा. सुनीता टम्टा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।