उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री और आध्यात्मिक गुरू सतपाल महाराज ने चीनी राष्ट्रपति को रामायण भेजी। महाराज ने कहा जिस प्रकार रावण की सोच विस्तारवादी थी ठीक वैसे ही सोच चीन के राष्ट्रपति की भी है। उन्होंने कहा कि चीनी राष्ट्रपति को रामायण पढ़नी चाहिए और रावण से सबक लेना चाहिए। सतपाल महाराज ने कहा कि भारत ने कभी भी विस्तारवादी सोच नहीं अपनाई। लेकिन चीन का रवैया हमेशा विस्तारवादी रहा है।
देहरादूनः उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चीन के राष्ट्रपति सी जिनपिंग को रामायण भेज कर विस्तारवादी नीति का आइना दिखाया है। महाराज ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति को रामायण का अध्ययन कर सद् शिक्षा लेनी चाहिए। विस्तारवादी नीतियों के कारण ही दशानन का पतन हुआ था। महाराज ने सुभाष रोड स्थित सरकारी आवास से चीन के राष्ट्रपति को रामायण भेज कर रावण की विस्तारवादी सोच से हुए नुकसान से सबक लेने की बात कही। कहा कि चीन से फैले कोरोना से आज पूरा विश्व जूझ रहा है।
इस महामारी से लोगों की मौत हो रही है, लेकिन चीन मदद करने के बजाय विस्तारवादी सोच पर चल रहा है। महाराज ने अप्रत्यक्ष रूप से चीन के राष्ट्रपति को संकेत दिए कि विस्तारवादी नीति से पतन निश्चित है। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी विस्तारवादी सोच नहीं रखता है। भारत ने बांग्लादेश को जीतने के बावजूद उस पर अपना अधिकार छोड़ दिया, जबकि चीन का रवैया शुरू से ही विस्तारवाद का रहा है।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चीन ने बीते दिनों जिस तरह का रवैया अपनाया है वह निंदनीय है। रामायण पढ़कर चीन को अपनी सोच को सुधारना चाहिए। भारत हमेशा शांति की बात करता है। लेकिन देश की रक्षा के लिए ये रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।