चमोली। उत्तराखंड में अभी मानसून ने दस्तक भी नहीं दी है लेकिन पहाड़ों में लगातार हो ही बारिश ने लोगों को दुश्वारियां बढ़ानी शुरू कर दी है। पहाड़ों का दरकने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। सबसे ज्यादा चारधाम यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पहाड़ी से मलबा गिरने से आवाजाही बाधित हो रही है। वहीं बदरीनाथ यात्रा बार-बार बाधित हो रही है। आज भी बदरीनाथ हाईवे पर छिनका के पास मलबा आ गया। मलबे में बड़े बोल्डर आने से दो घंटे तक बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब के यात्री परेशान रहे।
दरअसल, बदरीनाथ नेशनल हाईवे 07 छिनका के पास पहाड़ी से मलबा और बोल्डर आने से अवरुद्ध हो गया था। हाईवे के दोनों ओर बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब आने जाने वाले तीर्थयात्रियों के वाहनों की लंबी कतार लग गई। तीर्थयात्री अपने वाहनों के अंदर सड़क खुलने का इंतजार करते रहे। एनएचआईडीसीएल मार्ग खोलने में जुटा रहा। करीब 2 घंटे की कड़ी मशक़्क़त के बाद हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया।
बदरीनाथ हाईवे बना जानलेवा
गौचर से लेकर बदरीनाथ तक राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर जानलेवा बना हुआ है। ऐसे में आने वाले बरसात के सीजन में हाईवे बंद रहने की घटनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता। कर्णप्रयाग के पास उम्मटा और बाबा आश्रम के बीच भी ऑल वेदर रोड कटिंग के दौरान आधी अधूरी छोड़ी गई। चट्टानें भी यात्रियों के लिये जानलेवा साबित हो सकती हैं। ऐसे ही नंदप्रयाग के पास पर्थाडीप में भी भूस्खलन से मार्ग बंद होने का ख़तरा बना हुआ है। यही हाल चमोली जिले के बिरही, छिनका, हेलंग, हनुमानचट्टी और टैया पुल के पास भी है। इन दिनों सड़क कटिंग के कारण पहाड़ी से बोल्डर और मलबा गिरने से हाईवे बाधित होने का ख़तरा बना हुआ है।