देहरादूनः कोविड-19 से बचते हुए वे अपने भविष्य को भी संवारने जा रहे हैं। इंजीनियरिंग और चिकित्सा क्षेत्र में भविष्य बनाने का सपना देखने वाले युवा इन दिनों कठिन परिश्रम कर रहे हैं। कोरोना को दरकिनार कर उनका निशाना केवल अपने लक्ष्य पर है। ’बाधाओं को पार करना सफलता की पहली सीढ़ी है’ इस सूत्र को आत्मसात करते युवा इन दिनों जेईई मैन्स की परीक्षा दे रहे हैं और नीट तथा जेईई एडवांस्ड की तैयारी में दिन-रात एक किए हुए हैं। परिश्रम और भाग्य दोनों पर विश्वास रखने वाली हमारी यह नई पीढ़ी इन दिनों स्वास्थ्य के प्रति भी सजग है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के साथ ही इन परीक्षाओं का आयोजन करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) भी अतिरिक्त सतर्क है। परीक्षाओं की व्यवस्थाओं के साथ ही इन पर बच्चों की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी है। एनटीए ने इस बार लद्दाख को भी नीट परीक्षा का नया केंद्र बनाया है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद लद्दाख को केंद्रशासित राज्य की श्रेणी में शामिल किया गया था।
शुरू हुई परीक्षा
देश में इन दिनों हमारे युवा जेईई और नीट परीक्षाओं की तैयारी में गहनता से डूबे हुए हैं। कोविड-19 के कारण स्थागित हुई इन परीक्षाओं के आयोजन की तारीखें अब निश्चित हो चुकी हैं। जेईई मैन्स की परीक्षा 1 एक 6 सितंबर, नीट की 13 तथा जेईई एडवांस्ड की परीक्षा 27 सितंबर को होगी। इसके लिए मंत्रालय और एनटीए ने अतिरिक्ति सतर्कता बरतते हुए पुख्या व्यवस्था की है। जेईई मैन्स में इस बार 8,58 273 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। इसके इस समय 660 परीक्षा केंद्र है। पिछली बार ये 570 थे। जेईई में परीक्षा के लिए चार शहरों का विकल्प दिया गया है। हालांकि प्रशासनिक अथवा अन्य कारणों से किसी अभ्यर्थी के केंद्र (शहर) को बदला जा सकता है, लेकिन उसे दूसरा केंद्र उसके शहर के निकट ही दिया जा रहा है। जेईई की परीक्षा कंप्यूटर बेस्ट टेस्ट (सीबीटी), जबकि नीट की परीक्षा पेपर बेस्ड है।
लद्दाख बना नया सेंटर
नीट यूजी में इस बार 15,19,375 परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके परीक्षा केंद्र 2,546 से बढ़ाकर इस बार 3,843 किए गए हैं। ये परीक्षा केंद्र देश के 155 शहरों में होंगे। लद्दाख को इस बार नया सेंटर बनाया गया है। वहां की विकट परिस्थतियों के दृष्टिगत युवाओं को सुविधा देने के लिए ऐसा किया गया है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग राज्य बनाकर उन्हें केंद्र शासित कर दिया था। 2.74 लाख की जनसंख्या वाले तथा 1,66,698 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले तिब्बत की जलवायु बहुत विषम है।
एनटीए इस बार की परीक्षाओं पर अतिरिक्त सतर्क है। उसने परीक्षार्थियों के लिए विशेष निर्देश और सुझाव जारी कर उनका अनुपालन करने की अपील की है। एनटीए के अनुसार छात्रों के स्वास्थ्य के लिए यह बहुत आवश्यक है। एजेंसी ने भरोसा दिया है कि परीक्षार्थियों की सुरक्षा का पूरा-पूरा ध्यान रखा गया है। उसने छात्रों से यह भी अपील की कि वे एनटीए को इस मामले में सहयोग दें।
निर्विघ्न संपन्न होगी परीक्षाएंः डाॅ निशंक
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय जेईई और नीट के आयोजन पर बेहद गंभीर और सावधान है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने परीक्षा के सफल आयोजन और छात्रों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के दृष्टिगत लगभग सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस संबंध में बातचीत की। उन्होंने राज्य के आला अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा करने के बाद आवश्यक दिशा-निदेश दिए हैं। डाॅ. ’निशंक’ ने परीक्षार्थियों और अभिभावकों से अपील की कि वे कोविड-19 से बचाव के दृष्टिगत भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करें। उन्हांेने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे सभी छात्र सुरक्षित रहेंगे और ये परीक्षाएं निर्विघ्न संपन्न होंगी। उन्होंने जेईई परीक्षाओं के लिए राज्य सरकारों द्वारा की गई व्यवस्थाओं पर प्रसन्नता और संतोष व्यक्त करते हुए राज्य के मुख्यमंत्रियों और एनटीए का धन्यवाद ज्ञापित किया है।