निर्जला एकादशी व्रत आज, हरिद्वार में शुभ मुहूर्त में भक्तों ने गंगा में लगाई पावन डुबकी; जानिए क्या है धार्मिक मान्यता ?

0

हरिद्वार। आज निर्जला एकादशी है। यानी ऐसी एकादशी जिस दिन बिना जल ग्रहण किये ही व्रत रखा जाता है और गंगा स्नान किया जाता है। पितरों के निमित पूजा अर्चना, पिंडदान आदि किया जाता है। पितरों के निमित दान दिया जाता है। जो भी ऐसा करता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

आज के एकादशी व्रत से साल भर की 24 एकादशी व्रत का पुण्य प्राप्त होता है। इस पुण्य को पाने के लिये हरिद्वार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। यह श्रद्धालु गंगा के निर्मल जल में स्नान कर पूजा और दान कर रहे हैं। देश के विभिन्न स्थानों से आये श्रद्धालु गंगा स्नान कर अपने आप को तृप्त कर रहे हैं। वैसे तो सभी एकादशी का महत्व है। मगर यह माना जाता है निर्जला एकादशी का महत्व बहुत ज्यादा है। इस दिन निर्जल रहकर व्रत करने और गंगा स्नान करने पर असीम पुण्य की प्राप्ति होती है। स्नान को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। दो दिन पहले गंगा दशहरा का स्नान था। उसमें करीब 15 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया था।

पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि निर्जला एकादशी जैसे नाम से ही प्रतीत होता है वह एकादशी जिसमें निर्जल रहकर व्रत रखना होता है। यही वह एकादशी है जिसका यह फल बताया गया है कि जो आज के दिन की गंगा आदि पवित्र नदियों में मौन रहकर स्नान करने के पश्चात निर्जल रहकर व्रत करे। व्रत के पूर्व मौसमी फल, जल पात्र और पंखा, चीनी और इस प्रकार की चीज जो अपने पितरों के निमित दान करता है अपने पुरोहित को देता है, उस व्यक्ति को पूरे वर्ष की एकादशी जो 24 होती हैं, हर महीने दो शुक्ल पक्ष की और कृष्ण पक्ष की यह एकमात्र एकादशी करने से 24 एकादशियों का व्रत का प्रभाव मिल जाता है।

Previous articleहोटल में मिली लाश से मचा हड़कंप! मर्डर की सूचना पर दौड़ी पुलिस, फिर हुआ कुछ ऐसा सब रह गए दंग
Next articleबेसिक शिक्षकों के पदों पर फिर लटकी तलवार, आवेदन होंगे रद्द

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here