पिथौरागढ़ः आसमानी आफत और प्रशासन की लापवाही से गुस्साए आपदा पीड़ितों ने पिथौरागढ़ में एसडीएम सहित प्रशासन की टीम को बंधक बना डाला। मामला खेतभराड़ का है। जहाँ आपदा के चार दिन बाद भी प्रशासन की ओर से मदद नहीं मिलने से आक्रोशित ग्रामीणों ने एसडीएम का जमकर विरोध किया। इस दौरान आपदा प्रभावितों ने बरागाड़ के बहाव से खेतभराड़ को बचाने के लिए चैनेलाइज करने की मांग की। मांग न माने जाने पर पीड़ितों ने एसडीएम, तहसीलदार, सिंचाई विभाग के ईई और राजस्व उप निरीक्षक को बंधक बनाया।
आपदा प्रभावितों का आरोप है कि वह पिछले चार दिन से खतरे में जी रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उनकी सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं किये। आपदा प्रभावितों ने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण खेतभराड़ के 28 परिवार खतरे की जद में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी आपदा प्रभावितों की व्यवस्था करने की झूठी पोस्ट सोशल साइटों पर डाल रहे हैं। जबकि हकीकत कुछ और ही है। पीड़ितों का कहना है कि बरागाड़ के उफान पर होने के कारण मकानों को खतरा पैदा हो गया है। इसके बाद भी शासन-प्रशासन तमाशा देख रहा है।
गांव के दौरे पर पहुंचे एसडीएम भगत फोनिया, तहसीलदार, राजस्व उपनिरीक्षक और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को आपदा प्रभावितों ने तीन घंटे तक बंधक बनाए रखा। ग्रामीण बरागाड़ के चैनेलाइजेशन के लिए पोकलैंड मंगाकर कार्य शुरू करने की मांग कर रहे हैं। जिस पर एसडीएम फोनिया ने आपदा प्रभावितों को शीघ्र मशीन की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। एसडीएम के आश्वासन पर प्रभावितों ने उनको तो छोड़ दिया लेकिन सिंचाई विभाग के ईई फईम खान को बंधक बनाए रखा।