चारधाम यात्रा अंतिम चरण में है। जिसके चलते यात्रा ने रफ्तार पकड़ ली है। चारों धामों में रिकार्ड तोड़ श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। इसके साथ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं ने नया इतिहास बनाया है। पहली बार यात्रा में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 50 लाख पार हो गया है। कपाट बंद होने की तिथि नजदीक आते ही केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।
श्रद्धालुओं का आंकड़ा 50लाख पार
बता दें कि इस बार चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हुई थी। यात्रा के शुरुआत में तीर्थयात्रियों के उत्साह को देखते हुए सरकार को उम्मीद थी कि इस बार चारधाम यात्रा नया इतिहास बनाएगी। पांच अक्तूबर को दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों ने यात्रा का पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ा। गौरतलब हो कि कोरोना महामारी के बाद पिछले साल पूरे यात्रा काल में केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब में पहली बार आंकड़ा 46 लाख पार कर चुका था लेकिन इस बार यह आंकड़ा पिछले सभी आंकड़ों को पार करते हुए 50 लाख का आंकड़ा पार करते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। तीर्थयात्रियों की संख्या 50.12 लाख से अधिक पहुंच गई है।
71 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने कराया पंजीकरण
अभी चारधाम यात्रा के लिए एक माह का समय बाकी है। रोजाना चार धामों में 20 से 22 हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। उधर, चारधाम यात्रा के लिए अब तक 71 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। इसमें 50 लाख से अधिक दर्शन कर चुके हैं। इस बार प्रदेश सरकार ने यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया है। जून-जुलाई माह में केदारनाथ धाम में धारण क्षमता से अधिक तीर्थयात्रियों के पहुंचने से सरकार को पंजीकरण पर रोक लगानी पड़ी थी।
2030 तक यात्रा में एक करोड़ यात्रियों के आने का अनुमान
चारधाम यात्रा में हर साल तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं के ठहरने की सीमित व्यवस्था है। सरकार का अनुमान है कि 2030 तक चारधाम यात्रा में एक करोड़ यात्रियों के आने का अनुमान है। केदारनाथ पुनर्निर्माण और बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान में धारण क्षमता बढ़ाने पर फोकस है।