हल्द्वानी: भाजपा सरकार में वन मंत्री हरक सिंह रावत के बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के बयान से सूबे का सियासी पारा गरमाया गया है। असल में हरक सिंह रावत ने ऐलान किया था कि वह 2022 के विधानसभा चुनाव नहीं लडेंगे। हरक के बयान के बाद सूबे की नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश ने हरक के प्रति हमदर्दी जताते हुए कहा कि वह उन्हें कहेंगे कि वे चुनाव लड़ें
इंदिरा की हमदर्दी
हरक सिंह के बयान के बाद सूबे की राजनीति में हलचल मच गई है। उनके बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि हरक भाजपा में फिट नहीं बैठ रहे हैं। लिहाजा वह घर वापसी चाहते हैं। लेकिन उन्हें हरीश रावत खेमा कतई पसंद नहीं करता है। क्योंकि वर्ष 2016 में हरीश रावत को संकट में डालने वाले हरक सिंह रावत ही हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश हरक सिंह रावत के प्रति हमेशा हमदर्दी रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस में इंदिरा का पलड़ा कमजोर है। हरक सिंह के कांग्रेस में आने पर इंदिरा को मजबूती मिलेगी। लिहाजा इंदिरा हृदयेश कई मौकों पर हरक सिंह रावत की पैरवी करती रही है।
मुझे नहीं पता कि हरक सिंह ने ऐसा बयान क्यों दिया। मगर वह एक अच्छे और उत्साही व्यक्ति हैं। अभी उनकी उम्र भी ऐसी नहीं कि वो चुनाव न लड़ सकें। अगर वह किसी कष्ट में है तो उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा। जिसके बाद हम उनसे यह भी कहेंगे कि वे चुनाव लड़ें।- इंदिरा हृदयेश, नेता कांग्रेस
2017 के विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले हरक सिंह रावत ने कोटद्वार विधानसभा से चुनाव लड़ कांग्रेस के दिग्गज व तत्कालीन कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी को हराया था। चार बागी जिन्हें त्रिवेंद्र सरकार मेें मंत्री पद मिला उसमें हरक भी शामिल हैं। शुक्रवार को अचानक उन्होंने कहा कि वह 2022 में विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे मगर, राजनीति से सन्यास भी नहीं लेने जा रहे। जिसके बाद हल्द्वानी से नेता प्रतिपक्ष ने भी मीडिया के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हरक सिंह के उन लोगों से अच्छे रिश्ते हैं। चुनाव लडने के लिए हम ही उनसे कहेंगे। अगर वह कष्ट में होंगे तो बात कर उसे दूर करने की कोशिश भी की जाएगी।