बढ़ेगी ताकतः आज भारत की धरती छुएंगे राफेल, वायु सेना प्रमुख करेंगे अगवानी

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भारतीय वायु सेना की ताकत को बढ़ाने के लिए 5 राफेल विमान आज भारत पहुंच जायेंगे। वायु सेना के अधिकारियों के मुताबिक वायु सेना प्रमुख आर.के.एस. भदौरिया राफेल विमान की अगवानी करेंगे। वह अंबाला में नए राफेल विमान रिसीव करेंगे। वायु सेना के अनुसार पांचों विमान यूएई के एयरबेस से भारतीय समयानुसार सुबह 11 बजे भारत के लिए उड़ान भरेंगे।

नई दिल्लीः फ्रांस से आयतित पांच राफेल लडाकू विमानों का आज अंबाला हवाई अड्डे पर वायु सेना प्रमुख आर के एस भदौरिया अगवानी और स्वागत करेंगे। सोमवार को पांच जेट विमानों ने फ्रांसीसी शहर बोर्डो में मेरिनैक एयर बेस से उड़ान भरी थी। बेड़े में तीन सिंगल सीटर और दो जुड़वा सीट वाले विमान शामिल हैं। इन्हें भारतीय वायुसेना में 17वें स्क्वैड्रन के हिस्से के रूप में शामिल किया जाएगा। ये विमान लगभग सात हजार किलोमीटर का सफर तय करके अंबाला वायुसेना अड्डे पर उतरेंगे।

  • हाइलाइट्स
  • राफेल विमानों की पहली खेप आज दोपहर 2 बजे भारत पहुंच जाएगी
  • इस खेप में पांच फाइटर जेट्स हैं जो 11 बजे संयुक्त अरब अमीरात से उड़ान भरेंगे
  • सोमवार को फ्रांस से सात घंटे की उड़ान के बाद ये विमान अल दफ्रा एयरबेस पहुंचे थे
  • अंबाला में राफेल की अगवानी एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया करेंगे

यूएई से अम्बाला के लिए भरेंगे उड़ान
वायुसेना के अनुसार एयरफोर्स चीफ आज युद्धक विमानों की अगवानी के लिए अंबाला में मौजूद रहेंगे। देश के सबसे बड़े रक्षा सौदे के तहत वर्ष 2016 में करीब 60 हजार करोड़ रूपये में 36 राफेल विमानों की खरीद की गई थी। वायु सेना के अनुसार पांच राफेल विमान संयुक्त अरब अमीरात के अल दफ्रा एयरबेस आज सुबह 11 बजे भारत के लिए उड़ान भरेंगे और दोपहर 2 बजे अंबाला एयरबेस पहुंच जाएंगे। राफेल को उड़ाकर लाने वाले पायलट्स अपने ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह की अगुवाई में एयर चीफ से फ्रांस में दी गई ट्रेनिंग की जानकारी भी देंगे।

तबाही का नाम राफेल
वायुसेना के बेड़े में राफेल के शामिल होने से उसकी युद्ध क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। यह विमान विभिन्न प्रकार के शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम है। यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीएस की मिटोर, स्कैल्प क्रूज मिसाइल, मीका हथियार प्रणाली राफेल लड़ाकू विमानों के हथियार पैकेज में शामिल है।

सही वक्त पर राफेल की डिलिवरी
भारत को यह लड़ाकू विमान ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब उसका पूर्वी लद्दाख में सीमा के मुद्दे पर चीन के साथ गतिरोध चल रहा है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राफेल विमानों को लद्दाख सेक्टर में तैनात किए जाने की संभावना है जहां वायुसेना चीन के साथ लगने वाली एलएसी पर अपनी संचालन क्षमताओं को और मजबूत करना चाहती है। भारत ने वायुसेना के लिए 36 राफेल विमान खरीदने के लिए 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस की विमानन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी दसॉ एविएशन के साथ करार किया गया था। वायुसेना को पहला राफेल विमान पिछले साल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की फ्रांस यात्रा के दौरान सौंपा गया था।

अंबाला में धारा 144
अंबाला वायु सेना केंद्र के आसपास सुरक्षा कड़ी कर धारा 144 लागू की गई है। वहां वीडयोग्राफी और फोटो खिंचने पर रोक लगा दी गई। स्थानीय जिला प्रशासन ने वायुसेना केंद्र के तीन किलोमीटर के दायरे में लोगों के ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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