झांसीः बुंदेलखंड को मुख्यधारा में लाने के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार प्रयासरत है। बुंदेलखंड के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए यहां कई योजनाओं पर काम चल रहा है। इन्हीं योजनाओं के अंतर्गत आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से झांसी में रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय और प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम ने कहा कि कभी रानी लक्ष्मीबाई ने बुंदेलखंड की धरती पर गर्जना की थी- मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी। आज एक नई गर्जना की आवश्यकता है, मेरी झांसी-मेरा बुंदेलखंड। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए अब झांसी का यह कृषि विश्वविद्यालय पूरी ताकत लगा देगा, एक नया अध्याय लिखेगा।
कृषि में आत्मनिर्भरता बढ़ेगा दायरा
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब हमारा मकसद कृषि में आत्मनिर्भरता का मतलब किसानों को उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाना है। जब किसान और खेती, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेगी तो बड़े स्तर पर गांव में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढेंगे। जब हम कृषि में आत्मनिर्भरता की बात करते हैं तो ये सिर्फ खाद्यान्न तक ही सीमित नहीं है। बल्कि ये गांव की पूरी अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता की बात है। यह देश में खेती से पैदा होने वाले उत्पादों में वैल्यू एडिशन करके देश और दुनिया के बाजारों में पहुंचाने का मिशन है। उन्होंने कहा कि कृषि में स्टार्ट अप के नये-नये रास्ते खुल रहे हैं। अब तो बीज से लेकर बाजार भी तकनीक पर आधारित हैं। कृषि क्षेत्र में भी अब तकनीक के प्रयोग से फसल में इजाफा होने से किसान भी पहले से बेहतर की स्थिति में हैं।
स्कूल स्तर पर होगी कृषि शिक्षा
प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि से जुड़ी शिक्षा को, उसकी प्रेक्टिकल एप्लीकेशन को स्कूल स्तर पर ले जाना भी आवश्यक है। हमारी सरकार का प्रयास है कि गांव के स्तर पर मिडिल स्कूल लेवल पर ही कृषि के विषय को लागू किया जाए। इससे दो लाभ होंगे। एक लाभ तो ये होगा कि गांव के बच्चों में खेती से जुड़ी जो एक स्वभाविक समझ होती है, उसका विस्तार होगा। दूसरा लाभ यह होगा कि वो खेती और इससे जुड़ी तकनीक, व्यापार-कारोबार के बारे में अपने परिवार को ज्यादा जानकारी दे पाएगा। ड्रोन टेक्नॉलॉजी हो, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की टेक्नॉलॉजी हो, आधुनिक कृषि उपकरण हों, इसको देश की कृषि में अधिक से अधिक उपयोग में लाने के लिए आप जैसे युवा शोध करने वालों के साथ युवा वैज्ञानिकों को निरंतर काम करना होगा। सरकार आप को सभी सुविधा देने को तैयार है।
देश में महज तीन केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय
पीएम ने कहा कि छह वर्ष पहले जहां देश में सिर्फ एक केंद्रीय कृषि विश्विद्यालय था, आज तीन केंद्रीय एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज देश में काम कर रही हैं। इसके अलावा तीन और राष्ट्रीय संस्थान आइएआरए झारखंड, आइएआरए असोम तथा बिहार के मोतीहारी में महात्मा गांधी इंट्रीग्रेटेड फार्मिंग की स्थापना की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे हो या फिर डिफेंस कॉरीडोर, हजारों करोड़ रुपए के यह प्रोजेक्ट यहां रोजगार के हजारों अवसर बनाने का काम करेंगे। वो दिन दूर नहीं जब वीरों की ये भूमि, झांसी और इसके आसपास का यह क्षेत्र देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बड़ा सेंटर बनेगा।
अटल भूजल योजना पर भी काम
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत उत्तर प्रदेश में 700 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च अब तक किया जा चुका है। जिसके तहत लाखों कामगारों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। मुझे बताया गया है कि इस अभियान के तहत यहां बुंदेलखंड में भी सैकड़ों तालाबों को ठीक करने और नए तालाब बनाने का काम किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब यह तैयार हो जाएंगी तो इससे बुंदेलखंड के लाखों परिवारों को सीधा लाभ होगा। इतना ही नहीं, बुंदेलखंड में, भूजल के स्तर को ऊपर उठाने के लिए अटल भूजल योजना पर भी काम चल रहा है। केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार बुंदेलखंड की पुरातन पहचान को, इस धरती के गौरव को समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध है।